गाजीपुर: परिषदीय विद्यालय में चल रहा स्मार्ट क्लास
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर मुहम्मदाबाद अगर सच्चे मन से अपने दायित्वों का निर्वहन किया जाए तो कोई भी काम असंभव नहीं है। कितनी भी खराब व्यवस्था हो, इरादे बुलंद हों तो तस्वीर बदलते देर नहीं लगती। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है प्राथमिक विद्यालय दाउदपुर के सहायक शिक्षक अरविद यादव ने। उनके प्रयास का नतीजा यह है कि आज विद्यालय कान्वेंट स्कूलों की तरह साफ-सुथरा व हरा-भरा दिख रहा है, वहीं बच्चों को आज स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध है।
प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को आधुनिक तरीके से शिक्षा प्रदान की जा रही है। वर्ष 2015 में अरविद यादव की तैनाती इस विद्यालय पर सहायक अध्यापक के रूप में हुई। उस समय जहां बच्चों की संख्या मात्र 60 थी वहीं परिसर पूरी तरह से गंदगी से पटा रहता था। कारण अगल-बगल के लोग विद्यालय को निजी अपने उपयोग की जगह बना लिए थे। अरविद यादव ने अभिभावकों को भरोसा में रखकर बच्चों को अपने विद्यालय में दाखिला कराने को तैयार किया।
भरोसा दिलाया कि वह उनके बच्चों को शिक्षित कर एक अच्छा नागरिक बनाएंगे। मुख्य गेट पर लगने वाले ताला को कुछ अराजक तत्वों द्वारा तोड़े जाने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अरविद ने ग्रामीणों को एकत्र कर कहा कि अब बहुत हो चुका अगर आगे से जो भी ताला तोड़कर परिसर में घुसने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ बेहिचक प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। अरविद की मेहनत रंग लायी।
आज विद्यालय में बच्चों की संख्या 160 पहुंच गई है। वहीं परिसर पूरी तरह से हरा-भरा हो गया है। प्रधानमंत्री का स्वच्छता मिशन पूरी तरह से इस विद्यालय में फलीभूत दिख रहा है। परिसर में साफ-सुथरे शौचालय के साथ कई जगह कूड़ेदान रखा गया है। जगह-जगह शिक्षा का महत्व, पर्यावरण का महत्व, जल का महत्व व स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित लिखे गए स्लोगन लोगों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।
इस संबंध में अरविद यादव ने बताया कि उन्होंने जब विद्यालय को बेहतर बनाने का प्रयास शुरू किया तो इसमें साथी अध्यापकों निकहत शाहीन, वंदना मिश्रा, संयुक्ता गुप्ता व शमीमा बानों ने विशेष सहयोग दिया। आज विद्यालय की तस्वीर बदली नजर आ रही है। कहा कि उन्होंने आज के डिजीटल क्रांति के दौर में बच्चों को आधुनिक तकनीकी से शिक्षा देने के लिए स्मार्ट क्लास बनाकर प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है ताकि बच्चे सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड की तरह शिक्षा ग्रहण कर सकें।