गाजीपुर: 'महाशिवरात्रि' आस्था के रंग में रंगी लहुरीकाशी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को मनाए जाने वाले महाशिवरात्रि की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भोर से ही मंदिरों के पट खुल जाएंगे। सुबह से ही भक्तों के दर्शन-पूजन का जो क्रम शुरू होगा, वह देर शाम तक जारी रहेगा। इस मौके पर भोले भंडारी के चरणों में शीश नवाकर श्रद्धालु उनसे अपने और परिवार के मंगल की कामना करेंगे। मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। वहीं जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य एवं पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश सिंह ने महाहरधाम, सैदपुर स्थित शिवमंदिर पहुंच कर पहुंच कर वहां की सुरक्षा का जायजा लिया। शहर के गोराबाजार स्थित बूढ़ा महादेव सहित अन्य कई शिव मंदिरों पर मेला का भी आयोजन किया जाएगा।
शिवरात्रि को लेकर लोगों में पिछले कई दिनों से उत्साह दिखाई दे रहा था। मंदिर समिति के लोग भी इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में सजी दुकानों से भांग, धतूरा, प्रसाद, अगरबत्ती, फूल-माला, दूध सहित अन्य पूजा सामग्री की खरीद कर उसे शिव के चरणों में अर्पित कर अपने और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करेंगे। सैदपर : नगर स्थित बूढ़ेनाथ महादेव घाट पर महाशिवरात्रि पर होने वाली भीड़ के मद्देनजर श्रद्धालुओं ने घाट की सफाई की। खुरपी, फरसा, झाड़ू आदि लेकर करीब दो घंटे तक श्रद्धालु सुभाष सोनकर, मजनू यादव, पंकज कुशवाहा, रमेश सोनकर ने सफाई।
साथ ही घाट पर मौजूद काई को चूना डालकर साफ किया। खानपुर: बभनौली स्थित बिछुड़ननाथ महादेव, सिधौना स्थित शिधेश्वर महादेव, रामपुर स्थित झारखंडेश्वर महादेव, गौरी स्थित पर्णकुटी के गोमतेश्वर महादेव के मंदिरों में रंगरोगन कर साफ सफाई की गई। सभी मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। बभनौली में भव्य मेले का आयोजन किया गया है और सिधौना मंदिर परिसर में ख्यातिप्राप्त लोक गायकों द्वारा संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सिधौना महादेव मंदिर के आयोजक कृष्णनंद सिंह कहते है कि महाशिवरात्रि आध्यात्मिक पथ पर चलने वाले साधकों के लिए बहुत महत्व रखती है। यह उनके लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है जो पारिवारिक परिस्थितियों में हैं और संसार की महत्वाकांक्षाओं में मग्न हैं। पारिवारिक परिस्थितियों में मग्न लोग महाशिवरात्रि को शिव के विवाह के उत्सव की तरह मनाते हैं।
श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन पूजन हसनापुर के ज्योतिषाचार्य ओम प्रकाश तिवारी ने बताया कि एक दिन पूर्व रात से लेकर शिवरात्रि के दिन शाम चार बजकर 40 मिनट तक त्रयोदशी लगी रहेगी। इस दौरान श्रद्धालु जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि कर सकेंगे।
डीएम व एसपी ने ली सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी
महाहर धाम स्थित शिवमंदिर पर सुबह जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने पहुंच कर सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली। साथ ही कमेटी के सदस्यों सहित स्थानीय लोगों से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर उनकी राय जानी। उन्होंने परिसर में बनाए गए कंट्रोल रुम, श्रद्वालुओं के आवागमन के मार्ग सहित मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। शिवरात्रि पर महाहर मेला कमेटी द्वारा तैनात स्वयं सेवक भी दर्शनाíथयों की सुविधा हेतु तैनात रहेंगे। परिसर में सुरक्षा के लिए पांच सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं। उनकी मानीटरिग वहां पर बने कंट्रोल रूम से होती रहेगी। उधर, एडीओ पंचायत प्रभाकर पांडेय के निर्देश पर महाहरधम की साफ-सफाई में 30 सफाई कर्मचारी लगे रहे। उन्होंने देर शाम तक परिसर की साफ-सफाई कराई।
सैदपुर : जिलाधिकारी एवं एसपी ने महाशिवरात्रि के मद्देनजर नगर स्थित बूढ़ेनाथ महादेव मंदिर का जायजा लिया। डीएम ने घाट पर नाव की व्यवस्था करने के साथ ही पानी में रस्सी बंधवाने का निर्देश एसडीएम अनिरुद्ध सिंह को दिया। उन्होंने मंदिर के सामने बैरीकेडिग कर श्रद्धालुओं की सुविधा पर विशेषध्यान देने की सलाह दी। एसपी ने कहा कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल पर्याप्त संख्या में यहां तैनात रहे। इसके बाद अधिकारी द्वय यहां से धुवार्जुन स्थित चौमुखनाथ धाम पर पहुंचे। वहां भी उन्होंने व्यवस्था का जायजा लिया।
जलाभिषेक के लिए सोमेश्वर महादेव मंदिर पर उमड़ेंगे श्रद्धालु
मुहम्मदाबाद : महादेवा शिवमंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसी कैमरा लगाया गया है। नगर स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए होने वाली भीड़ को देखते हुए क्षेत्राधिकारी विनय गौतम ने मंदिर परिसर में पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। कहा कि भीड़ को नियंत्रित व कतारबद्ध कर दर्शन पूजन के लिए महिला पुलिस के साथ काफी संख्या में जवान तैनात रहेंगे।
ग्रामीण इलाकों में मंदिरों पर अखंड मानस पाठ का आयोजन किया गया है। नगर से सटे सोमेश्वर महादेव मंदिर पर गुरुवार को अखंड दीप जलाने के लिए महिलाओं की काफी भीड़ भाड़ रही। ग्रामीण इलाकों से काफी संख्या में श्रद्धालु बच्छलपुर गंगा तट पर जाकर वहां से कलश में जल भरकर कांवड़ लेकर पैदल ही अपने गांवों के लिए जाते रहे। कांवरियों ने बताया कि वह जल लेकर गांव पहुंचेंगे और महाशिवरात्रि के दिन बाबा का जलाभिषेक करेंगे।