गाजीपुर: विधायक डा. विरेंद्र यादव ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी में अपनी ताकत का मनवाया लोहा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष पद पर रामधारी यादव के हैट्रिक लगाते ही यह तय हो गया कि सपा सुप्रीमो के नजर में विधायक डा. विरेंद्र यादव की अहमियत नम्बर वन की है। समाजवादी पार्टी में जिलाध्यक्ष के पद पर अपने दावेदारों को लेकर बड़े नेताओं में काफी रस्साकसी थी। हर बड़ा नेता अपने खेमे और अपने पाकिट का जिलाध्यक्ष बनाना चाहता था। इसीलिए वह हाईकमान के यहां पुरजोर पैरवी कर रहा था। लेकिन विरेंद्र यादव की पहल होते ही रामधारी यादव पर हाईकमान ने मुहर लगा दिया। यह पहला वाक्या नही है कि हाईकमान ने विधायक विरेंद्र यादव के पहल पर मुहर लगाया हो।
इसके पहले जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में प्रत्याशी के नाम पर भी हाईकमान ने विधायक के कहने पर ही घोषणा किया था। लोकसभा चुनाव के बाद हाईकमान के निर्देश पर प्रदेश की सभी जिला कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया था। कुछ समय बाद अखिलेश यादव धीरे-धीरे जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा करते रहे। पूर्वांचल में सभी जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा हो गयी लेकिन गाजीपुर में जिलाध्यक्ष के नाम पर पेंच फंस गया था। करीब एक दर्जन दावेदारों ने गाजीपुर से लेकर लखनऊ तक अपने पैरवीकारों को लेकर कड़ी मशक्कत किया। इसमे सपा के कुछ वरिष्ठ दिग्गजों ने गोल के अध्यक्ष बनवाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया लेकिन किसी को सफलता नही मिली। विधायक डा. विरेंद्र यादव ने रामधारी यादव से पुराने सभी गिले-सिकवे को भुलाते हुए उनके पार्टी के प्रति निष्ठा को देखते हुए हाईकमान से इनके नाम की सिफारिश की। जिसपर सपा सुप्रीमो ने रामधारी यादव को तीसरे पाली खेलने के लिए स्वीकृति दे दिया।