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गाजीपुर: भगवान शिव के निराकार से साकार रूप में अवतरण की रात्रि ही महाशिवरात्रि है- भवानीनन्द‍न यति जी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सिद्धपीठ हथियाराम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति जी महाराज के पावन सानिध्य में बुढ़िया माई धाम में महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में आयोजित धार्मिक अनुष्ठान के दूसरे दिन शुक्रवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन-पूजन हुआ। असंख्य पार्थिव शिवलिंग निर्मित कर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजा-अर्चना की गयी। महाशिवरात्रि पर महानिशा पूजन कर जन कल्याण की कामना की गयी। स्वामी भवानीनन्दन यतिजी महाराज ने कहा कि भगवान शिव के निराकार से साकार रूप में अवतरण की रात्रि ही महाशिवरात्रि है। देवाधिदेव हमें काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि विकारों से मुक्त करके परम सुख, शांति ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। 

कहा कि अपने जीवन में सुख-दु:ख, शांति एवं समृद्धि की कामना करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को महाशिवरात्रि का व्रत एवं रात्रि में भगवान अशुतोष का चार प्रहर की विधिवत पूजा एवं रात्रि जागरण करना चाहिए। भगवान अशुतोष अत्यंत शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देवता हैं। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि आध्यात्मिक पथ पर चलने वाले साधकों के लिए बहुत महत्व रखती है। कहा कि यौगिक परंपरा में, शिव को किसी देवता की तरह नहीं पूजा जाता। उन्हें आदि गुरु माना जाता है। पहले गुरु, जिनसे ज्ञान उपजा। ध्यान की अनेक सहस्राब्दियों के पश्चात एक दिन वे पूर्ण रूप से स्थिर हो गए। वही दिन महाशिवरात्रि का था। उनके भीतर की सारी गतिविधियां शांत हुईं और वह पूरी तरह से स्थिर हुए। इसलिए साधक महाशिवरात्रि को स्थिरता की रात्रि के रूप में मनाते हैं। 

उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि की रात में जागरण कर की गई पूजा-अर्चना का विशेष फल मिलता है। प्रवचन के माध्यम महामण्डलेश्वर स्वामी भवानी नन्दन ने यज्ञ की महत्ता एवं उपयोगिता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि यज्ञ सर्वषेठ कर्म है। यज्ञ से जल की वर्षा होती है, और वर्षा के जल से अन्न की उत्तपत्ति होती है। अन्न की शक्ति से प्राणी उत्पन्न होते हैं। इस प्रकार संसार के समस्त प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सभी प्रकार के उत्पत्ति पालन एवं लय, सभी के मूल में यज्ञ ही निहित है। अत: समस्त प्राणियों को यज्ञ में समलित होना, यज्ञ का दर्शन व परिक्रमा करना तथा यज्ञ का प्रसाद अवश्य ग्रहण करना चाहिए। इससे सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इस मौके पर भारी संख्या में शिष्य-श्रद्धालु मौजूद रहे। उधर महाशिवरात्रि पर हथियाराम के प्राचीन शिव मंदिर पर भक्तों का हुजूम उमड़ा रहा। श्रद्धालुओं ने पूजन-अर्चन व जलाभिषेक किया।

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