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गाजीपुर: शुल्क प्रतिपूर्ति देने में भेदभाव कर रही सरकार - बाबू सिंह

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर कासिमाबाद भागीदारी संकल्प मोर्चा की तीसरी वंचित अधिकार चेतना महारैली अलावलपुर में बुधवार को हुई।  मुख्य अतिथि जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि सरकार बाबा साहब डा. अम्बेडकर के सपने को समाप्त करके हमें सिर्फ अमीरों की तीमारदारी, झाडू लगाने तक सीमित करना चाहती है। प्रदेश सरकार छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति देने में भेदभाव कर रही है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 में सामान्य वर्ग के छात्रों की संख्या लगभग सात लाख और अन्य की संख्या 21 लाख थी। सामान्य वर्ग को 609 करोड़ बजट आवंटित किया और पिछड़े़ वर्ग को मात्र 600 करोड़, जबकि संख्यानुपात के हिसाब से पिछड़े वर्ग को 2070 करोड़ का बजट आवंटित होना चाहिए था। पिछडे़ वर्ग को विभिन्न पाठयक्रमों में 10 से 30 हजार रुपये शुल्क क्षतिपूर्ति दी जा रही है। वहीं सामान्य वर्ग के सभी छात्रों को सभी पाठ्यक्रमों में 50 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। यह सरकार पिछड़ा वर्ग एवं दलित विरोधी है। यह सरकार वंचितों को नौकरियों में जाने से रोकने के लिए सरकारी विभागों का निजीकरण कर रही है। 


अभी तक प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण नहीं है। इसके चलते निजीकरण करके सरकार इस झमेला को समाप्त करना चाहती है। न रहेगी नौकरी और न रहेगा आरक्षण। भागीदारी संकल्प मोर्चा का एलान है कि दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को प्राइवेट सेक्टरों में भी आरक्षण देने का काम हमारी सरकार आने पर करेगी। न्यायालयों में आरक्षित वर्ग के जज नहीं हैं। लगभग 70 फीसद आइएएस की नौकरी एक जाति विशेष के पास है। समाज के हर वर्ग को उनकी संख्या के अनुपात में सरकारी एवं प्राइवेट सेक्टरों में नौकरियां दी जाएं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री ओमपकाश राजभर ने कहा कि गरीबों को नौकरी, इलाज और न्याय नहीं मिल रहा है।


65 फीसद से भी ज्यादा गरीब जेलों में सजा काट रहा है और अमीर न्यायालयों के संगीन अपराधों में भी बरी हो जाता है। सरकारी अथवा निजी क्षेत्रों में आरक्षण प्रभावी हो। पूरे देश में एक समान शिक्षा व्यवस्था लागू होना चाहिए। किसानों को उनकी पैदावार का मूल्य निर्धारण करने की छूट दी जाए। केवट रामधनी बिद ने कहा कि यह सरकार लोकतंत्र विरोधी है। इस मौके पर प्रेम चंद्र प्रजापति, बाबू राम पाल, अनिल सिंह चौहान, विधायक त्रिवेणी राम, कैलाशनाथ सोनकर, अनिल चौहान, मेजर रामजी राजभर, राधिका पटेल, संतोष पांडेय, अमरनाथ पासवान, सालीक यादव आदि थे। अध्यक्षता ओमप्रकाश राजभर व संचालन डा. अरविद राजभर ने किया।


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