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गाजीपुर: नागरिकों को प्रदूषित पानी पिला रहा नगर पालिका

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर नगरपालिका अपने नगरवासियों को प्रदूषित पेयजल पिला रहा है। पानी में कचरा एवं गंदगी होने से लोगों की जान आफत में पड़ रही है। टंकियों की न तो समय से सफाई होती है और नहीं उसमें कीटनाशक दवाएं डाली जाती हैं। नपा की टंकियों की वर्षों से सफाई नहीं हुई है। इसका प्रमाण टंकियों की हालत देख कर सहज ही लगाया जा सकता है। टंकियों की सफाई नहीं होने से नगरवासियों को दूषित पानी पीने पर मजबूर होना पड़ रहा है। हद तो यह है कि टंकियों में क्लोरीन की गोलियां भी नहीं डाली जाती हैं। यही हालत ग्रामीण क्षेत्रों की भी है जहां जल निगम पेयजल आपूर्ति करता है।

नगरपालिका क्षेत्र में 22 नलकूप एवं 13 मिनी नलकूपों का संचालन होता है। वहीं 11 ओवरहेड टैंक हैं जिसमें से आठ का संचालन होता है बाकी दो देखरेख के अभाव में बदहाल पड़े हैं। इसके अलावा जिन टंकियों से पेयजल की आपूर्ति होती है उसकी भी दशा काफी जर्जर है। वहां काम कर रहे पंप आपरेटरों का कहना है कि उनको तो याद ही नहीं कि जलकल परिसर में मौजूद पानी की टंकियों की सफाई कितने वर्ष पहले हुई थी। यहीं स्थित अन्य पानी की टंकियों की भी है। बड़ी बाग स्थित कांशीराम कालोनी स्थित पानी की टंकी की हालत ऐसी ही है। वहां के लोगों के अनुसार जब से टंकी चालू हुई है तब से उसकी सफाई नहीं हुई है। कमोबेश यही स्थित नगर के अन्य ओवर हेड टैंकों की है। टाउनहाल, तुलसिया पुल, पीरनगर आदि स्थित पानी की टंकियों की हालत भी ऐसी ही है। उसकी न तो सफाई हुई है और न हीं उसमें क्लीरीनेशन हुआ है। इसके अलावा टंकियों के ढक्कन टूटने के कारण उसमें पक्षियों के बीट एवं कीड़े-मकोड़ों के पड़ने से पानी जहरीला हो जाता है। गनीमत है कि अब तक कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

गर्मी शुरू होने से पूर्व होगी सफाई
पानी की टंकियों की सफाई होती रहती है। टंकियों की पेंटिग नहीं होने के कारण उस पर पुरानी तिथियां पड़ी रहती हैं। टंकियों की सफाई वर्ष-2018 में हुई थी और गर्मी शुरू होने से पूर्व सभी टंकियों की सफाई करा दी जाएगी। इसके अलावा टंकियों में क्लोरीनेशन किया जाता है ताकि पेयजल प्रदूषित न होने पाए। - पूजा सिंह, अवर अभियंता, जलकल विभाग।

सीढि़यां जर्जर होने के कारण चढ़ने में आ रही समस्या
मुहम्मदाबाद : नगर में पेयजल आपूर्ति के लिए नगर पालिका की ओर से तहसील स्थित जलकल परिसर, वकीलबाड़ी व अकटहिया में ओवर हेड टंकी का निर्माण कराया गया है। इन टंकियों के माध्यम से ही नगर में पेयजल की आपूति की जाती है। इन टंकियों की साफ-सफाई का कार्य काफी दिनों के बाद ही कराया जाता है। इस संबंध में जलकल प्रभारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि जलकल परिसर में बनी टंकी की सीढ़ी कमजोर व जर्जर होने से उस पर चढ़ने का कोई जोखिम नहीं ले रहा है। इससे उसकी सफाई इस समय नहीं कराया जा सका है।

पाइपलाइन टूटने के कारण नहीं हो रही आपूर्ति 
भांवरकोल : शासन द्वारा जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सुखडेहरा में चार दशक पूर्व जलनिगम की ओर से पानी टंकी का निर्माण कराया गया। इस पानी टंकी से सोलह गांवों में लोगों को पेयजल पहुंचाने के लिए पाइप लाइनें भी बिछाई गईं। लोगों ने पानी टंकी से जलापूर्ति हेतु कनेक्शन भी लिया लेकिन जनप्रतिनिधियों तथा विभागीय अधिकारियों के उपेक्षा की शिकार यह पानी टंकी होती रही। इस पानी टंकी के लिए दो नलकूप लगाये गये, इनमें से एक नलकूप की बोरिग लगने के कुछ ही महीनों बाद खराब हो गई जिससे वह बंद हो गया और आजतक रीबोर नहीं हो सका। पाइप लाइनें टूटने व जाम होने के कारण इस समय सोलह गांवों के सापेक्ष सुखडेहरा, किशुनपुरा, दोनपाह, मच्छटी, भांवरकोल, नकटीकोल, महेशपुर द्वितीय तथा बढ़नपुरा सहित कुल आठ गांवों में ही पानी पहुंच पा रहा है वह भी कुछ ही उपभोक्ताओं के यहां। पानी न मिलने के कारण अधिकांश उपभोक्ताओं ने अपना कनेक्शन कटवा दिया है ।

उच्चाधिकारियों को दी जा चुकी है सूचना
अवर अभियंता दिवाकर विक्रम सिंह ने बताया कि जर्जर पाइप लाइनों की सूचना उच्चाधिकारियों को दी जा चुकी है। पानी टंकी की साफ-सफाई भी समय-समय पर आवश्यकतानुसार होती रहती है।
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