गाजीपुर: बच्चों के सिर से उठा साया, पत्नियों की सूनी हो गई मांग
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर हत्यारों ने सिर्फ दो भाइयों की ही हत्या नहीं की बल्कि उनके उन सपनों का भी खून कर दिया जो एक पिता अपने बच्चों के लिए देखता है, अपने परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करता है। उस बेटी नीतू की दशा कोई क्या समझ सकता है जिसका तकरीबन तीन माह बाद नौ मई को हाथ पीले होने हैं। दोनों भाइयों की उन पत्नियों का जख्म कैसे भरेगा जिनकी सदा के लिए मांग सूनी हो गईं तो वह बच्चे किसके भरोसे रहेंगे जिनके पिता ही उनकी दुनिया थे। यह कहते हुए बिलखते परिजनों को ढांढस बंधाते समय पत्थर दिल भी फूट पड़ा।
दोनों भाइयों की गृहस्थी अभी पूरी तरह कच्ची है। विजय राम की पत्नी संतरा देवी, पुत्री प्रतिभा, रागिनी, अर्चना व पुत्र आदर्श का रो-रोकर बुरा हाल रहा। इधर, पिता व चाचा की हत्या से विवाहिता बेटी मधुबाला बदहवास थी। प्रदुम्न की पत्नी पूनम देवी, पुत्र पवन, पुत्री नीतू भारती व नेहा का करुण क्रंदन शरीर बेध रहा था। वर्षो पूर्व परिवार से अलग हुए बड़े भाई राम अवतार को जैसे ही पता चला कि हत्यारों ने दोनों भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी, वे बदहवास आने-जाने वाले लोगों को निहार रहे थे। उनके आंखों से गिर रहे आंसू से हर कोई व्यथित दिख रहा था। परिवार के सदस्यों के चित्कार से हर कोई गमगीन था। नीतू की विवाह को लेकर घर में चल रही खुशियां मातम में पसर गया।
प्रेम के मिसाल थे दोनों भाई, साथ जिए, साथ मरे
सिरगिथा बाजार व कुकढा गांव के ग्रामीणों में इस बात को लेकर चर्चा थी कि विजय व प्रदुम्न में ऐसा प्रेम था कि कहीं भी दोनों साथ ही जाते थे। दुकान पर भीड़ के बावजूद एक ही साथ बैठकर भोजन करते थे। बड़े भाई विजय राम बसपा से जुड़े तो थे, लेकिन छोटे भाई का किसी से मतलब नहीं था। संयोग भी ऐसा कि हत्यारों ने दोनों भाईयों को गोली मारकर एक साथ मौत के घाट उतार दिया।