गाजीपुर: उमा पब्लिक स्कूल में वार्षिकोत्सव अभिव्यक्ति में अचंभित कर गई काशी दर्शन की आभा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सैदपुर शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी माने जाने वाले साईं की तकिया बहेरी स्थित उमा पब्लिक स्कूल में वार्षिकोत्सव 'अभिव्यक्ति' में बुधवार को काशी दर्शन की आभा अचंभित कर गई। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से छात्रों ने न सिर्फ समां बांध दिया बल्कि धूमधाम से मनाए गए वार्षिकोत्सव में उनकी प्रतिभा देखते बन रही थी। यूं तो सरस्वती वंदना, गणेश वंदना, स्वागत गीत, कौव्वाली, प्रहसन, नृत्य, सोलो डांस आदि को लोगों ने खूब सराहा लेकिन अंत में छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत काशी दर्शन के क्या कहने। इस कार्यक्रम ने सभी को भक्ति रस में डुबोते हुए महफिल लूटी। मंच पर भगवान शंकर, हनुमान के साथ ही मदन मोहन मालवीय के साथ संतों और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के रूप में बच्चों की प्रस्तुति के बाद गंगा आरती की।
आरती के समय सभी लोग खड़े होकर गंगा मईया व हरहर महादेव के जयकारे लगाए। प्लास्टिक से होने वाली हानि व अधिक मोबाइल उपयोग के नुकसान के बारे में बच्चों ने नाटक के माध्यम से सभी की आंखें खोल दी। मुख्य अतिथि वाराणसी स्थित अतुलानंद विद्यालय के एमडी राहुल सिंह, विशिष्ट अतिथि हैप्पी माडल स्कूल वाराणसी की एमडी नीता सिंह व सेंट जेवियर्स स्कूल के एमडी शशि कुमार के साथ संस्थापक रामगोपाल सिंह व निदेशक अतुल सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। निदेशक अतुल सिंह ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। विभिन्न कक्षाओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के साथ ही शिक्षकों को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। पूर्व एमएलसी डा विजय यादव, पूर्व ब्लाक प्रमुख रमाशंकर सिंह, पंकज श्रीवास्तव, अलगू सिंह, अजय सिंह आदि थे। अंत में प्रधानाध्यापक शशिकांत सिंह ने आभार प्रकट किया।
यह पुनीत काम है रामगोपाल सिंह का: राहुल सिंह
मुख्य अतिथि राहुल सिंह ने कहा कि ग्रामीण अंचल में इस तरह के विद्यालय की स्थापना कर संस्थापक रामगोपाल सिंह ने पुण्य का कार्य किया है। विद्यालय न होने से ग्रामीण अंचल के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रह जाते थे। इस कार्यक्रम में जिस तरह का कार्यक्रम बच्चों ने प्रस्तुत किया उससे उनके प्रतिभा का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। विशिष्ट अतिथि नीता सिंह ने कहा कि निदेशक अतुल सिंह का विद्यालयों से लगाव शुरू से ही रहा है। ग्रामीण अंचल में इस तरह के विद्यालय की स्थापना कर क्षेत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निर्वहन का कार्य उन्होंने किया है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले समय में यह विद्यालय पूर्वांचल के टाप टेन विद्यालयों में शामिल होगा।