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गाजीपुर: करोड़ों की लागत से बना पुल हुआ जर्जर

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर खानपुर गोमती नदी पर नियार घाट के पास करोड़ों की लागत से बना पुल जर्जर हालत में है। खतरनाक ढंग से पुल के मध्य बने गड्ढों से होकर प्रतिदिन सैकड़ों चारपहिया सहित हजारों वाहन गुजरते हैं। जौनपुर- गाजीपुर और वाराणसी-आजमगढ़ जिले को जोड़ने वाले गोमती पुल के स्लैब क्षतिग्रस्त हो गए हैं। पुल के ऊपर लोहे की छड़ें खतरनाक ढंग से उभरी हुई हैं। इससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ गई है।

आवागमन की सुगमता को देखते हुए चार जिलों के मुहाने पर बसे नियार बाजार के पास तत्कालीन बसपा सरकार में इस पुल को 2002 में विधिवत प्रदेश सरकार के मंत्रियों द्वारा उद्घाटित किया गया। वाराणसी से आजमगढ़ और जौनपुर से गाजीपुर के लिए जाने वालों के लिए यह पुल किसी वरदान से कम नहीं है। इस पुल की वजह से इन चारों जिलों के लोगों को एक जिले से दूसरे जिले में आने जाने के लिए कम समय में कम दूरी तय करनी पड़ती है। राजनीतिक ²ष्टिकोण से देखा जाए तो प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से केंद्रीय मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय के चंदौली संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाला यह पुल पूरी तरह से उपेक्षा का शिकार होकर आज अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है। विकास का पर्याय माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के गाजीपुर से भी इस पुल के मरम्मत की मांग कई बार उठायी गई थी। 


जब डा. महेंद्रनाथ पांडेय भाजपा में प्रदेश मंत्री रहते हुए सैदपुर और अजगरा दोनों क्षेत्रों के संयुक्त रूप से विधायक थे। पांडेय अपने शासनकाल विधायक रहते हुए इन क्षेत्रों में सड़कों का जाल गांव-गांव से लेकर नदियों के किनारे तक बिछा दिया था। महेंद्रनाथ पांडेय के केंद्रीय मंत्री बन जाने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि उनके विकासपरक कार्यों की बानगी एक बार फिर देखने को मिलेगी। आज सड़कों की दुर्दशा और बेशुमार गड्ढों से लोगों में घोर निराशा है। नियार घाट स्थित गोमती पुल की हालत देख लोग सकते हैं। इस पुल के मध्य बना छह फीट के गोलाकार में खंडित स्लैब से बेतरतीब छड़ें बाहर निकल किसी बड़े खतरे का आभास करा रही हैं। इस पुल से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन विभिन्न जनपदों से आते-ंजाते हैं जो गड्ढे के पास पहुंचकर कांप जाते हैं। पिछले छह माह से पुल के बीच इस तरह के बने दो गड्ढों से लोगों में भय व्याप्त है और जनप्रतिनिधियों सहित संबंधित अधिकारियों के उदासीनता से आक्रोशित भी है। जिला पंचायत सदस्य रामबचन यादव का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते कभी भी दुर्घटना हो सकती है। उन्होंने शीघ्र मरम्मत की मांग की है।


कई लोग हो चुके हैं घायल
पुल के मध्य में उभरे छड़ व गड्ढों के चलते कई लोग गिरकर घायल हो चुके हैं। किसी भी समय पुल का स्लैब टूटकर नीचे पानी में गिर सकता है। तेज रफ्तार गाड़ियां पुल के मध्य गड्ढे के पास ठिठक जाती हैं। क्षेत्रीय नागरिकों ने विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराते हुए समस्या के निराकरण की मांग की है।
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