दवाईयां 40 फीसदी महंगी, TV-AC-फ्रिज के भी बढ़ेंगे रेट, ये है वजह
चीन में कोरोना वायरस के कहर से दुनिया भर के कारोबार पर काले बादल मंडराने लगे हैं. उद्योग जगत की मुश्किलें इस आपदा से बढ़ गई हैं. इस ग्लोबल संकट के असर से भारत भी नहीं बचा है. खुद सरकार इस खतरनाक वायरस के अर्थव्यवस्था पर हो रहे नुकसान के आकलन और समीक्षा में जुट गई है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत के साथ बैठक के बाद माना कि कोरोना वायरस का संकट लंबा चलने से कारोबार जगत के लिए हालात खराब हो सकते हैं. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा मार इलेक्ट्रॉनिक्स पर पड़ने की आशंका है. इसके साथ-साथ फॉर्मा, केमिकल्स में भी चीन से होने वाली कच्चे माल की सप्लाई पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा.
मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर को कोरोना वायरस के चलते चीन से कच्चे माल की सप्लाई भारत आने में रुकावट पैदा होने की चिंता सता रही है. पेपर वर्क सही तरीके से नहीं होने के चलते बंदरगाहों पर काफी स्टॉक फंसा हुआ है. फिलहाल तो यही उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हालात सामान्य होने पर ये स्टॉक एक साथ क्लियर हो और बड़ी मात्रा में कच्चे माल की सप्लाई होने लगे.
कोरोना का अर्थव्यवस्था पर असर कितना बड़ा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि IMF ने कोरोना वायरस से ग्लोबल ग्रोथ में 20 पॉइंट्स तक की गिरावट का अनुमान जताया है. अब तक इसके कारण 1800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. दुनियाभर में 65000 से ज्यादा लोग इससे पीड़ित बताए जा रहे हैं.
भारत में चीन से सबसे ज्यादा आयात इलेक्ट्रिकल मशीनरी, मैकेनिकल अप्लायंस, ऑर्गेनिक केमिकल्स, प्लास्टिक और सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट का होता है. चीन में संकट के चलते भारत के करीब 28 फीसदी आयात पर असर हुआ है.
इसके साथ ही कोरोना की वजह से फॉर्मा सेक्टर पर भी असर पड़ना शुरू हो गया है. चीन से सप्लाई बंद होने के कारण भारत में पैरासिटामॉल दवाओं की कीमत 40 फीसदी बढ़ गई है. भारत फॉर्मा इंग्रीडिएंट्स के कई प्रोडक्ट्स का 80 फीसदी तक चीन से आयात करता है. दुनिया में बिकने वाली जेनेरिक दवाओं के मामले में भारत सबसे बड़ा बाजार है.
इसके अलावा इस महीने टीवी, एसी, फ्रिज और कुछ स्मार्टफोन मॉडल्स के दाम भी बढ़ने की आशंका है. सेक्टर से जुड़े लोगों का कहना है कि कंपनियां डिस्काउंट और ऑफर भी कम कर सकती हैं, जिससे इनकी कीमतें 3-4 फीसदी बढ़ सकती हैं.
कोरोना संकट का उद्योग जगत पर असर कम करने के लिए सरकार जल्द कुछ कदमों का ऐलान करेगी, इनमें बैंकों के ब्याज और कस्टम ड्यूटी में छूट जैसे कदम शामिल हैं.