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किसान विरोधी है केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार: प्रमोद तिवारी

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया है कि एक ओर जहां किसानों को उनकी उपज की सही कीमत और सुविधायें नहीं पा रही हैं. वहीं इंश्योरेंश कंपनियों के खजाने भरने का काम केंद्र सरकार कर रही है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने शनिवार को केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार पर किसान और नौजवान विरोधी होने का गम्भीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों की उपज का दोगुना मूल्य देने का वायदा कर सत्ता में आयी थी. लेकिन किसानों की उपज का समर्थन मूल्य न बढ़ने से सबसे ज्यादा किसान यूपी में आत्महत्या कर रहे हैं. प्रमोद तिवारी ने कहा है कि किसानों को आत्महत्या की पीड़ा से बचाने के लिए कांग्रेस ने चरणबद्ध तरीके से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में किसान आन्दोलन की शुरुआत की है.

इसके तहत 17 मार्च तक प्रदेश भर में किसान जन जागरण के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे.  इस कड़ी में तीन मार्च को प्रदेश भर में तहसीलों का घेराव और छह मार्च को सभी जिलों में डीएम का घेराव किया जायेगा. जबकि 17 मार्च को लखनऊ में किसान मार्च के साथ किसान आन्दोलन का समापन होगा. कांग्रेस नेता ने कहा है कि 46 वर्षों में सबसे बड़ी बेरोजगारी के दौर से देश और प्रदेश गुजर रहा है. लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार के पास किसानों और नौजवानों के लिए कोई ठोस योजना नहीं है.

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया है कि एक ओर जहां किसानों को उनकी उपज की सही कीमत और सुविधायें नहीं पा रही हैं. वहीं इंश्योरेंश कंपनियों के खजाने भरने का काम केंद्र सरकार कर रही है. उन्होंने कहा है कि आज फर्टिलाइजर, बिजली, पानी, बीज और मजदूरी सभी कुछ मंहगी हो रही है. जिससे किसानों की लागत भी बढ़ी है, लेकिन उन्हें उनकी उपज की सही कीमत न मिलने ने उनकी आर्थिक हालत बेहद कमजोर हो रही है. कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर देश के 61 बड़े पूंजीपतियों के हाथों में देश को आर्थिक गुलामी की ओर धकेलने का भी आरोप लगाया है.

वहीं राहुल गांधी के डंडे वाले बयान के बचाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि राजनीति में ये मुहाबरे और कहावतें अपनी बात रखने के लिए कही जाती हैं. इसलिए इसमें ऐसा आपत्तिजनक कुछ भी नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया है कि गम्भीर राहुल गांधी का ये वक्तव्य नहीं है, बल्कि गम्भीर पीएम मोदी का वो वक्तव्य है जो कि उन्होंने संसद में बोला था. उसे राज्यसभा के चेयरमैन उपराष्ट्रपति ने पीएम के वक्तव्य में कहे शब्द को असंसदीय माना है और उसे सदन की कार्यवाही से ही हटाना पड़ा है. उन्होंने कहा है कि जो लोग संसद में अपनी भाषा पर नियंत्रण नहीं रख सकते हैं उन्हें राहुल गांधी के बयान पर बोलने का हक नहीं है.

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