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धन्नासेठों और पूंजीपतियों का बजट: मायावती

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के बाद कई पार्टियों और नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी. इसी कड़ी में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी अपनी बात रखी है.
लोकसभा में शनिवार को देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट की बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव ने सराहना करते हुए इसे जन-जन का बजट बताया है. वहीं बसपा मुखिया मायावती ने इसे "धन्नासेठों और पूंजीपतियों का बजट बताया है." स्वतंत्रदेव ने कहा, "यह बजट जन-जन का बजट है. किसानों, गरीबों, मध्यम वर्ग और महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाला एक सर्वस्पर्शी व कल्याणकारी आम बजट 2020-21 के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को हृदय से बधाई देता हूं."

उन्होंने कहा कि हर वर्ग के करदाताओं को आयकर में बड़ी छूट देकर राहत दी गई है. देश के अन्नदाता किसानों को सिंचाई और अनाज भंडारण के लिए विशेष योजनाओं के कारण किसान की आय दोगुनी करने के संकल्प को पूरा करने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी. समाज के उपेक्षित शोषित वर्ग के विकास के लिए अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 85000 करोड़ एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 53700 करोड़ का प्रावधान करके उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के प्रति अपनी संवेदनशीलता दर्शाया है.

वहीं, मायावती ने आम बजट को लेकर कहा कि यह बजट धन्नासेठों और पूंजीपतियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इसमें आम जनता के हितों का ख्याल नहीं रखा गया है. यह महंगा बजट आम जनता की गरीबी का आटा और गीला करेगा. देश की लगातार बढ़ती महंगाई से आम लोगों को निजात मिले इसका कोई समाधान इस बजट में नहीं दिया गया है.


उन्होंने सवाल उठाया, "सरकारी संपत्तियों को बेचते रहने से देश का भला कैसे होगा? कुल मिलाकर इस बजट में देश की 130 करोड़ जनता के लिए अधिकतम रोजगार सृजन के माध्यम से उनके आटे-दाल की सही चिंता नहीं की गई है. यह खोखला बजट बताता है कि सरकार जनचिंता से मुक्त है."

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट को दिशाहीन बताते हुये कहा है, ‘‘वित्त मंत्री ने इस दशक का पहला दिवालिया बजट पेश किया है. हमें उम्मीद नहीं है कि इस बजट से किसानों के जीवन में कोई बदलाव आएगा. गरीब के परिवार में कोई खुशहाली आयेगी. ’’

उन्होंने कहा कि बजट में नौजवानों को रोजगार के नए अवसर देने की बात नहीं की गई है. उत्तर प्रदेश को बजट में नजरंदाज किए जाने का आरोप लगाते हुये उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश के लिये आयोजित सम्मेलन में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आये लेकिन इसके बावजूद कोई निवेश नहीं आया.


वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम बजट 2020 को निराशा वाला बताया है और कहा कि बजट में दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार हुआ. उन्होंने कहा, ''दिल्ली को बजट से बहुत उम्मीदें थी. लेकिन एक बार फिर दिल्ली वालों के साथ सौतेला व्यवहार हुआ. दिल्ली बीजेपी के प्राथमिकताओं में आता ही नहीं, तो दिल्ली वाले बीजेपी को वोट क्यों दे? सवाल ये भी है की चुनाव से पहले ही जब बीजेपी दिल्ली को निराश कर रही है तो चुनाव के बाद अपने वादे निभाएगी?''

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