Budget 2020 LIVE : इकॉनमी को बूस्ट करने के लिए क्या ऐलान करेंगी वित्त मंत्री?
वित्त मंत्री साल 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने में आई चुनौतियों से निपटने की योजना का खाका सामने रख सकती हैं.
Union Budget 2020-21 : संघर्ष से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर देख रही हैं. वह शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी. इकॉनमिक सर्वे 2019-20 में वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) विकास दर 6 से 6.5 फीसदी रहने की संभावना जताई गई है जिससे संकेत मिलते हैं कि बजट का फोकस विकास पर हो सकता है.
वित्त मंत्री साल 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने में आई चुनौतियों से निपटने की योजना का खाका भी सामने रख सकती हैं. इकॉनमिक सर्वे कहता है कि यह लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत को इंफ्रास्ट्रक्चर पर 14 खरब डॉलर खर्च करने की जरूरत है, जिससे आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी.
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आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में कहा गया है कि सड़क, रेल और आवास के लिए तैयार परियोजनाएं बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करेंगी. सुझाव दिया गया कि सड़क, रेलवे, नागरिक उड्डयन, दूरसंचार और आवास क्षेत्र की परियोजनाएं स्थानीय और विदेशी निवेशों को आकर्षित करने में सक्षम होंगी.
सुधार के उपाय करने का दबाव
आगामी वित्त वर्ष 2020-21 में GDP विकास दर में तेजी का अनुमान ऐसे समय में आया है जब केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी विकास दर पांच फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. चालू वित्त वर्ष में जुलाई से सितंबर के दौरान जीडीपी विकास दर 4.5 फीसदी पर आ गई जोकि बीते छह साल का निचला स्तर था. आर्थिक विकास दर में आई इस गिरावट से सरकार पर सुधार के उपाय करने का दबाव बढ़ गया है.
सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन द्वारा तैयार किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य में ढील देने का सुझाव दिया गया है. निर्मला सीतारमण ने पिछले साल जुलाई में बतौर वित्तमंत्री पहला बजट पेश करते हुए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य को 3.4 फीसदी से घटाकर 3.3 फीसदी कर दिया था.