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फर्जी मार्कशीट केस में बीजेपी MLA के खिलाफ आरोप तय, यूनिवर्सिटी में जो विषय ही नहीं, उसमें मिले 70 नंबर

चार फरवरी, 1992 को लखनऊ के थाना हसनगंज में इस मामले की एफआईआर लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) के तत्कालीन रजिस्ट्रार अमरनाथ ने दर्ज कराई थी.
रायबरेली (Raebareli) की सरेनी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक (BJP MLA) धीरेंद्र बहादुर सिंह (Dheerendra Bahadur Singh) पर एमपी-एमएलए कोर्ट (MP MLA Court) के विशेष जज पवन कुमार राय ने धोखाधड़ी के एक मामले में आरोप तय किया है. बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान अभियुक्त धीरेंद्र बहादुर सिंह कोर्ट में मौजूद थे. 28 साल पहले लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) में दाखिले के लिए फर्जी मार्कशीट (Fake Marksheet) का इस्तेमाल करने के मामले में धीरेंद्र पर आईपीसी (IPC) की धारा 420, 467, 468, 471 और 511 के तहत आरोप तय करते हुए अभियोजन को अपना गवाह पेश करने का आदेश कोर्ट ने दिया है. मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी.

चार फरवरी, 1992 को लखनऊ के थाना हसनगंज में इस मामले की एफआईआर लखनऊ यूनिवर्सिटी के तत्कालीन रजिस्ट्रार अमरनाथ ने दर्ज कराई थी. एफआईआर के मुताबिक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने लखनऊ यूनिवर्सिटी में एमए में एडमिशन के लिए कानपुर यूनिवर्सिटी से जारी ब्रिज कोर्स की फर्जी मार्कशीट दाखिल की थी. आरोपी धीरेंद्र बहादुर ने आठ जनवरी, 1992 को एमए मध्यकालीन इतिहास में एडमिशन की अर्जी दी थी. अर्जी में हाईस्कूल से लेकर ग्रेजुएशन और कानपुर यूनिवर्सिटी से ब्रिज कोर्स की मार्कशीट लगाई थी.

मार्कशीट में रोल नंबर किसी छात्रा का
पुलिस की विवेचना में सामने आया कि ब्रिज कोर्स की मार्कशीट फर्जी थी, जिसमें जगह-जगह ओवर राइटिंग और कटिंग थी. ब्रिज कोर्स में विषय दिखाया गया था, वो कोर्स कानपुर यूनिवर्सिटी में था ही नहीं. और उस विषय में धीरेंद्र को 70 नंबर भी मिले थे. मार्कशीट में जो रोल नंबर धीरेंद्र का दिखाया गया था, वो नंबर किसी छात्रा का था. विवेचना के बाद इस मामले में धीरेंद्र बहादुर सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 511 के तहत चार्जशीट दाखिल की गई थी.
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