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UPPSC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलब की वीडीओ भर्ती परीक्षा की OMR शीट

जस्टिस एम के गुप्ता की एकलपीठ ने आदेश दिया है. आजमगढ़ के अभिजीत सिंह की ओर से याचिका दाखिल की गई है. याचिका पर याची के वकील का कहना है कि, याची पर एक पक्षीय प्रतिबंध लगाया गया है.
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (UPPSC) की परीक्षाओं में तीन साल के लिए डिबार किए जाने को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में चुनौती दी गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से जवाब मांगा है. कोर्ट ने याची की ग्राम विकास अधिकारी भर्ती की ओएमआर शीट की मूल एवं कार्बन कापी 25 फरवरी को पेश करने का निर्देश दिया है.

ओएमआर शीट में भिन्नता होने के कारण आयोग ने याची पर तीन वर्ष के लिए परीक्षा में बैठने पर रोक लगा दी गयी है. जिसे याचिका में चुनौती दी गयी है. जस्टिस एम के गुप्ता की एकलपीठ ने आदेश दिया है. आजमगढ़ के अभिजीत सिंह की ओर से याचिका दाखिल की गई है. याचिका पर याची के वकील का कहना है कि, याची पर एक पक्षीय प्रतिबंध लगाया गया है.

2018 की ग्राम विकास भर्ती में 1952 अभ्यर्थियों को अर्ह घोषित किया गया है. लेकिन उस सूची में याची का नाम नहीं है. इस मामले में लखनऊ के विभूति खंड थाने में 31अगस्त 2019 को धोखाधड़ी, कूटकरण व अन्य आरोपों में एफआईआर भी दर्ज करायी गयी है. एफआईआर के अनुसार 215 अभ्यर्थियों में से 136 की ओएमआर शीट की ट्रेजरी एवं आफिस कॉपी में 10 फीसदी अंकों का अंतर पाया गया है. मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी.
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