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वाराणसी: फिर से विवादों में विश्वनाथ कॉरिडोर, बाबा का रजतमई सिंहासन मलबे में दबा

महंत आवास के बगल की मकान को तोड़ा जा रहा था, जिसमें ठेकेदार ने जेसीबी का प्रयोग किया. पूर्व महंत का मकान भी इसकी जद में आ गया और मकान का एक हिस्सा गिर गया. इस हिस्से में बाबा विश्वनाथ का रजतमई सिंहासन रखा था.
विश्वनाथ कॉरिडोर (Vishwanath Corridor) एक बार फिर से विवादों में घिर गया है. इस बार मामला मकान के खरीद-फरोख्त का नहीं, बल्कि बाबा विश्वनाथ की रजत सिंहासन के क्षतिग्रस्त होने का है. इसकी सूचना जैसे ही सामने आई विश्वनाथ मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ इकट्ठा हो गई. दरअसल, मंदिर परिसर में स्थित पूर्व महंत कुलपति तिवारी के मकान का एक हिस्सा गिर गया, जिसके मलबे में बाबा का रजत मई सिंहासन और छत्तर दबकर क्षतिग्रस्त हो गया. इस घटना के बाद पूर्व महंत परिवार के साथ ही भक्तों में भी काफी रोष है.


पूरा मामला काशी विश्वनाथ के पूर्व महंत कुलपति तिवारी के आवास से उठा है. यहां बाबा का सिंहासन और रजतमई छत्तर रखा जाता है. इसी सिंहासन पर बाबा विश्वनाथ और मां पार्वती की रजतमई प्रतिमा विराजती है, जिसका हर वर्ष रंगभरी एकादशी पर आम भक्तों को दर्शन कराया जाता है.
ये है मान्यता
माना जाता है कि काशी में बाबा भोलेनाथ इस दिन मां पार्वती का गौना लेकर अपने घर जाते हैं. यह पूरी रस्म पूर्व महंत कुलपति तिवारी के आवास से होती है जो कि मंदिर परिसर में ही स्थित है. चूंकि विश्वनाथ धाम बनने के लिए विस्तारीकरण के लिए सैकड़ों मकान सरकार ने अधिग्रहण कर लिए हैं. विस्तारीकरण और धाम बनाने के लिए कार्य जोरों पर है, लेकिन परिसर में स्थित पूर्व महंत कुलपति तिवारी का आवास सरकार ने रंगभरी एकादशी तक छोड़ रखा है और उन्हें तभी तक की मोहलत दी गई है.


जेसीबी के प्रयाेग का हो रहा विराेध
आरोप है कि बुधवार दोपहर में महंत आवास के बगल की मकान को तोड़ा जा रहा था, जिसमें ठेकेदार ने जेसीबी का प्रयोग किया. जिसकी धमक के कारण पूर्व महंत का मकान जद में आ गया और मकान का एक हिस्सा गिर गया, जिस हिस्से में बाबा विश्वनाथ का रजतमई सिंहासन रखा गया था. पूर्व महंत का आरोप है कि उन्होंने मंदिर प्रशासन से कहा था की बगल वाले मकान को जेसीबी से न थोड़ा जाए वरना उनके मकान पर खतरा हो सकता है. बावजूद उसके ठेकेदार द्वारा जेसीबी का प्रयोग किया गया, जिसके कारण यह घटना हुई.

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