वाराणसी की बिगड़ी आबोहवा, लोगों को सांस लेने में हो रही है परेशानी
गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस इंडिया (Greenpeace India) द्वारा जारी प्रदूषण की रिपोर्ट में देश के 25 सबसे प्रदूषित शहरों में 16 शहर उत्तर प्रदेश के हैं. जबकि इस लिस्ट में वाराणसी (Varanasi) का भी नाम है और यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 278 है.
पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस इंडिया (Greenpeace India) द्वारा जारी प्रदूषण की रिपोर्ट में देश के 25 सबसे प्रदूषित शहरों में 16 शहर उत्तर प्रदेश के हैं. इस लिस्ट में वाराणसी (Varanasi) का भी नाम है. दुनिया के मानचित्र पर बनारस की पहचान धार्मिक शहर के रूप में है और यहां के घाट व मंदिर देखने दुनियाभर से लोग आते हैं. हालांकि अब इसकी पहचान वायु प्रदूषण से ग्रस्त शहर के रूप में हो रही है. वाराणसी की एयर क्वालिटी इंडेक्स 278 (Air Quality Index 278) है, जो कि मानक से कहीं ज्यादा है. प्रदूषण नियंत्रण के अधिकारियों की मानें तो इस प्रदूषण के जिम्मेदार शहर में हो रहे विकास के काम हैं.
प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्रीय अधिकारी ने कही ये बात
वाराणसी इस समय वायु प्रदूषण से जूझ रहा है. इसको लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह की मानें तो इस समय शहर की एयर क्वालिटी इंडेक्स 278 है जो कि मौजूदा मानक से कहीं ज्यादा है. हालांकि अधिकारी शहर में प्रदूषण की वजह सरकार द्वारा हो रहे सौंद्रीयकरण के विकास कार्य को मान रहे हैं.
वाराणसी के निवासियों की ये है राय
प्रदूषण को लेकर वाराणसी के लोगों का कहना है कि शहर की सड़कों की खुदाई के चलते उड़ रही धूल और जगह-जगह निर्माण कार्य हैं. वाराणसी में जाम की प्रमुख समस्या है जो कि प्रदूषण को बढ़ाने में कारगर भूमिका निभा रही है, जिससे आम जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है. जबकि लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है और अब वह माक्स लगाने को मजबूर हैं. आपको बता दें कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है. (रिपोर्ट- अनुज कुमार)