आजम खां के बेटे अब्दुल्ला को सुप्रीम कोर्ट से नही मिली राहत
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम को विधायक पद से अयोग्य घोषित होने के फैसले से फिलहाल राहत नहीं मिल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम के निर्वाचन रद करने संबंधी उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खां के रामपुर स्वार टांडा विधानसभा से 2017 के निर्वाचन को 16 दिसंबर में रद कर दिया था। 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान अब्दुल्ला आजम की उम्र कम थी और वे चुनाव लडऩे के योग्य नहीं थे।
इसी को आधार बनाकर हाईकोर्ट ने उनका निर्वाचन रद कर दिया था। इसके बाद आजम खां के पुत्र ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। शुक्रवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्य कांत की बेंच ने अब्दुल्ला आजम खां के खिलाफ शिकायत करने वाले बसपा नेता और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के विधायक बेटे ने अपना चुनाव रद होने को लेकर बसपा नेता नवाब काजिम अली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। अब्दुल्ला आजम खां की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नवाब काजिम अली को नोटिस दी है।
इस पर अब 25 मार्च को सुनवाई होगी। रामपुर के स्वार टांडा से विधायक आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम खां का चुनाव आयु के गलत प्रमाण पत्र के मामले में रद कर दिया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनाव को रद किया है। रामपुर की पूर्व सांसद बेगम नूर बानो के पुत्र और स्वार टांडा से पूर्व विधायक नवाब काजिम अली ने आजम खां के पुत्र के चुनाव को चुनौती दी थी। नवाब काजिम का दावा है कि जिस समय अब्दुल्ला आजम खां विधायक बने उस समय उनकी उम्र निर्धारित आयु सीमा से कम थी।
इसके बाद उनका चुनाव रद घोषित किया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के अब्दुल्ला आजम खां का चुनाव रद करने के आदेश के खिलाफ अब अब्दुल्ला आजम खां सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर नवाब काजिम अली को नोटिस दिया है। अब्दुल्ला आजम खां ने प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2017 में जीत दर्ज की थी। नवाब काजिम अली का दावा है कि जिस समय अब्दुल्ला आजम खां ने चुनाव जीता उस समय उनकी उम्र 25 वर्ष से कम थी। हाई कोर्ट ने 16 दिसंबर के आदेश में अब्दुल्ला आजम खां के चुनाव को अवैध घोषित किया था।