अवैध रेलवे टिकटों की बिक्री से करोड़ों कमाए, टेरर फंडिंग में रखा कदम, कौन है 12वीं पास हामिद अशरफ
RPF के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि ई-टिकट गिरोह के सरगना सॉफ्टवेयर डेवेलपर हामिद अशरफ पर हर महीने 10-15 करोड़ रुपए कमाने का शक है. कहा जा रहा है कि यह 2019 में गोंडा के एक स्कूल में हुए बम कांड में भी शामिल था.
ट्रेन का ई-टिकट बुक कराने में कभी पसीने छूटे हैं? कन्फर्म टिकट की चाहत में दोगुने तक पेमेंट किया है? अगर हां, तो ये खबर आपके लिए ही है. दरअसल रेलवे में ई-टिकटों की अवैध बिक्री करने वाले एक इंटरनेशनल नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है. उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का हामिद अशरफ इस नेटवर्क का सरगना बताया जा रहा है. आशंका जताई गई है कि हामिद दुबई फरार हो चुका है.
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के महानिदेशक अरुण कुमार ने और भी गंभीर खुलासे किए हैं. उन्होंने बताया कि ई-टिकट गिरोह के सरगना सॉफ्टवेयर डेवेलपर हामिद अशरफ पर हर महीने 10-15 करोड़ रुपए कमाने का शक है. कहा जा रहा है कि यह 2019 में गोंडा के एक स्कूल में हुए बम कांड में भी शामिल था.
इंटर पास है हामिद
मूल रूप से बस्ती जिले के रमवापुर गांव का रहने वाला हामिद मात्र 12वीं पास है. पहले वह पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र में ई-टिकट बनाता था. जुर्म की दुनिया में वह तब उतरा जब टिकटिंग के लिए खुद का सॉफ्टवेयर डेवेलप कर लिया. ब्लैक टीएस, नियो और रेड मिर्ची नाम से उसने कई सॉफ्टवेयर बनाए. एजेंट्स को अपने अवैध सॉफ्टवेयर बेचकर उसने पूरे देश में अपना जाल फैलाना शुरू किया.
पहली गिरफ्तारी
रेलवे और बाकी की खुफिया एजेंसियों को शक तब हुआ जब IRCTC के अलावा कई सॉफ्टवेयर्स पर मिनटों में तत्काल टिकट बिकने की भनक लगी. छानबीन में पता चला कि इन सॉफ्टवेयर्स का ‘मदर सर्वर’ बस्ती में है. हामिद के एक एजेंट शमशेर की निशानदेही पर CBI बेंगलुरु और विजिलिंस मुंबई की टीम ने पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र से 28 अप्रैल 2016 को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तारी के कुछ समय बाद हामिद अशरफ जमानत पर छूटा तो नेपाल चला गया, ताकि सुरक्षा एजेंसियां उस पर नजर न रख सकें. नेपाल के नवलपरासी जिले में रहकर कुछ दिन काम किया और उसके बाद काठमांडू को अपना बेस बना लिया. कहा जा रहा है कि वह अभी भी काठमांडू में ही रहता है और वहीं से अपना काला कारोबार फैला रहा है. भंडाफोड़ होने के बाद उसके दुबई भाग जाने का संदेह व्यक्त किया गया है.
टेरर फंडिंग में हाथ
अरुण कुमार के मुताबिक हामिद अशरफ के लिंक पाकिस्तान, दुबई और बांग्लादेश में टेरर फंडिंग से भी जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि गिरोह के सदस्यों की जांच की जा रही है. इसी कड़ी में गुलाम मुस्तफा को भुवनेश्वर से अरेस्ट किया गया था जिसके पास IRCTC की 563 आईडी मिली हैं. स्टेट बैंक की 2,400 शाखाओं और 600 ग्रामीण बैंकों में अकाउंट होने का शक है. गुलाम मुस्तफा से पिछले 10 दिनों में IB, ED, NIA और कर्नाटक पुलिस ने पूछताछ की है.
RPF के मुताबिक गुलाम मुस्तफा तबलीग-ए-जमात का सदस्य है. उसके मोबाइल से पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और गल्फ देशों के नंबर मिले हैं जिनसे वह लगातार संपर्क में था. उसके लैपटॉप से हाइली इनक्रिप्टेड डेटा मिला है जिसका इनक्रिप्शन तोड़ने में सुरक्षा एजेंसियां लगी हैं. अभी तक जितना डिकोड किया गया है उसके मुताबिक इन लोगों के लिंक पाकिस्तान से हैं.
इस बारे में और जानकारी देते हुए डीजी अरुण कुमार ने बताया कि रेलवे टिकटों की गैरकानूनी कमाई से आया पैसा देश के खिलाफ ही इस्तेमाल किया जा रहा है. RPF ने इस मामले में 27 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनसे सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं. बस्ती एसपी हेमराज मीणा ने कहा कि RPF ने बस्ती में जो ई-टिकट और हामिद से जुड़े मुकदमों की सूचना मांगी है वो भेज दी गई है. हामिद को जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.