दिल्ली-वाराणसी समेत इन 6 रूट्स पर दौड़ेगी बुलेट ट्रेन, यहां चेक करें शहर का नाम
रेलवे (Railway) ने हाई स्पीड और सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोरों के लिए छह सेक्शन चिह्नित किये हैं जिनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) एक साल में तैयार हो जाएगी.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी.के यादव ने कहा कि रेलवे (Railway) ने हाई स्पीड और सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोरों के लिए छह सेक्शन चिह्नित किये हैं जिनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) एक साल में तैयार हो जाएगी. मुंबई-अहमदाबाद (Mumbai and Ahmedabad) हाई स्पीड कॉरिडोर पर पहले से ही निर्माण कार्य चल रहा है. हाई स्पीड कॉरिडोर पर ट्रेनें 300 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से चल सकती हैं, वहीं सेमी हाईस्पीड कॉरिडोर पर गाड़ियां 160 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा गति से चल सकती हैं.
इन रूट्स पर दौड़ेगी बुलेट ट्रेन
आम बजट से पहले संवाददाताओं से बातचीत में यादव ने कहा कि छह कॉरिडोरों में दिल्ली-नोएडा-आगरा-लखनऊ-वाराणसी (865 किलोमीटर) और दिल्ली-जयपुर-उदयपुर-अहमदाबाद (886 किलोमीटर) सेक्शन शामिल हैं. अन्य कॉरिडोर में मुंबई-नासिक-नागपुर (753 किलोमीटर), मुंबई-पुणे-हैदराबाद (711 किलोमीटर), चेन्नई-बेंगलोर-मैसूर (435 किलोमीटर) और दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-जालंधर-अमृतसर (459 किलोमीटर) शामिल हैं.
सालभर में डीपाआर तैयार
यादव ने कहा, हमने इन छह कॉरिडोर को चिह्नित किया है और उनकी डीपीआर सालभर में तैयार हो जाएगी. डीपीआर में इन मार्गों की व्यवहार्यता का अध्ययन किया जाएगा जिनमें भूमि की उपलब्धता तथा वहां यातायात की क्षमता आदि शामिल हैं. इन सबके अध्ययन के बाद हम निर्णय लेंगे कि वे हाईस्पीड होंगे या सेमी हाई स्पीड.
बुलेट ट्रेन परियोजना 2023 तक पूरी
उन्होंने कहा कि देश के पहले हाई स्पीड कॉरिडोर मुंबई-अहमदाबाद पर भारत की बुलेट ट्रेन परियोजना दिसंबर 2023 तक पूरी हो जाएगी. यादव ने यह भी बताया कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का 90 प्रतिशत काम अगले छह महीने में पूरा हो जाएगा. हमें प्रोजेक्ट के लिए 1380 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है. इसमें से 1005 हेक्टेयर जमीन निजी है. इस निजी जमीन में से 471 हेक्टेयर जमीन का हम अधिग्रहण कर चुके हैं, जबकि 149 हेक्टेयर सरकारी जमीन में से 119 हेक्टेयर का अधिग्रहण किया जा चुका है. शेष 128 हेक्टेयर भूमि रेलवे की है जो प्रोजेक्ट को दी जा चुकी है.