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गाजीपुर: सज गया बाजार, मकर संक्रांति कल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में मकर संक्रांति का पर्व पंद्रह जनवरी को मनाया जाएगा। पर्व के मद्देनजर बाजार में लाई, चूड़ा, तिलवा आदि की दुकानें सज चुकी हैं। पर्व जैसे-जैसे पर्व नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सामानों की बिक्री में तेजी आती जा रही है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष सामानों के दामों में कुछ वृद्धि जरूर हुई है, लेकिन इसका कोई खास असर ग्राहकों पर नहीं है। लोग पर्व मनाने के लिए अपने साम‌र्थ्य अनुसार लाई, चूड़ा, ढूंढा आदि सामानों की खरीद कर रहे हैं। 

पर्व को देखते हुए शहर के मिश्रबाजार, लंका, रौजा, नवाबगंज, चीतनाथ, महुआबाग, गोराबाजार सहित अन्य मोहल्लों में लाई-चूड़ा, ढूंढा, तिलवा, तिलकुट आदि की कई दुकानें सजी हैं। खुले के साथ ही सुविधा के लिए प्लास्टिक के छोटे बड़े पैकेटों में भी इसकी पैकिग की गई है। सामानों की खरीददारी भी शुरु कर की गई है। दुकानदारों की माने तो जैसे-जैसे पर्व नजदीक आता जाएगा, वैसे-वैसे सामानों की खरीद में भी तेजी आती जाएगी। 


खानपुर : मकर संक्रांति करीब आते ही इलाकों से गुड़ की सोंधी खुशबू व अलग-अलग भुने अनाजों की महक से पूरा वातावरण स्वादानुकूल हो जाता है। किसानों के प्रमुख त्योहार खिचड़ी के करीब आते ही तिल गुड़, बादाम, लाई-चूड़ा, ग•ाक लड्डू के दुकान बाजारों और चौराहों पर सज जाते हैं। सिधौना, खानपुर, अनौनी, नायकडीह, उचौरी, गहिरा,बिहारीगंज के बाजारों में लाई चूड़ा के साथतिल पट्टियों, गुड़ के साथ अनाजों के बने लड्डुओं के स्टाल अपने खुशबू और आकर्षक सजावट से आकर्षित कर रहे हैं।

लोग हो गए हैं दुकानों पर आश्रित
सिधौना के दुकानदार प्रभु गुप्ता ने बताया कि पहले लोग अपने घरों में इन चीजों को बनाते थे। लेकिन अब लोग इन मौसमी पकवानों के लिए दुकानों पर आश्रित हो गए हैं। पहले कई दिन पहले से चूड़ा की कुटाई शुरू होने के साथ ही गुड़ के आइटम बनना शुरू हो जाते थे लेकिन अब बदलाव हो चुका है। लोग बाजार से खरीद कर ही पर्व मनाते हैं।


दिल की मांसपेशियों को करते हैं एक्टिव
आयुर्वेदिक चिकित्सक डा. रजनीश यादव ने बताया कि तिल में मौजूद लवण जैसे कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिक व सेलेनियम आदि दिल की मांसपेशियों को एक्टिव रखने में मदद करते हैं। तिल में डाइट्री प्रोटीन और एमिनो एसिड मौजूद होते हैं जो बच्चों की हड्डियों के विकास को बढ़ावा देते हैं। मांसपेशियों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। तिल का तेल त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। गुड़ के सेवन से त्वचा और पाचन को जरूरी पोषण मिलता है और इसमें नमी बरकरार रहती है। शीत के मौसम में इसका सेवन सेहत के लिए लाभदायक होता है।


स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 07.54 मिनट से
सिधौना के ज्योतिषाचार्य विनोद मिश्रा ने बताया कि इस बार मकर संक्रांति पंद्रह जनवरी को पड़ रही है। स्नान दान का शुभ मुहूर्त सुबह सात बजकर 54 मिनट से शुरू होकर सूर्यास्त तक रहेगा। इसमें बनी खिचड़ी या खिचड़ी सामग्री का दान से शुभ माना जाता है।

समानों का रेटचार्ट

सामग्री पहले अब

चूड़ा 30 50

लाई 40 50

तिलवा 50 70

तिलकुट 90 120

ढूंढा 55 70
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