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गाजीपुर: यूपीटीईटी परीक्षा में नकल करवाते प्रिंसिपल और उसके तीन सहयोगी गिरफ्तार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर नकल माफिया के नाम से मशहूर बुद्धम शरणम् इंटर कालेज छावनी लाइन गाजीपुर एक बार फिर से नकल को लेकर सुर्खियो में आ गया है। टीईटी परीक्षा के प्रथम चरण में एसटीएफ वाराणसी ने छापा मारकर बुद्धवार की सुबह कालेज के प्रिसिंपल सहित चार लोगो को गिरफ्तार कर लिया है। खबर की सूचना मिलते ही पूरे जिले में हड़कंप मच गया है। घटना स्‍थल पर तत्‍काल डीएम व एसपी पहुंच गये। दोपहर में जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य ने बताया कि बुद्धम शरणम् इंटर कालेज छावनी लाइन गाजीपुर में टीईटी के परीक्षा में एसटीएफ ने चार लोगो को नकल करवाते पकड़ा है और आगे की कार्रवाई चल रही है। 

कोतवाली पुलिस के अनुसार पकड़े गये नकल माफियाओं में बुद्धम् शरणम कालेज के प्राधानाचार्य पारस कुशवाहा, सहयोगी अजीत, रामपाल व चंद्रहास है। जिनके ऊपर मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। ज्ञातव्‍य है कि कुछ वर्ष पहले पालिटेक्निक के प्रवेश परीक्षा में इस नकल माफिया के स्‍कूल में पालिटेक्निक के प्रेवश परीक्षा में करीब सात-आठ लड़को को नकल के माध्‍यम से टॉप करा दिया गया था, रिजल्‍ट निकलने के बाद जब इसकी खबर शासन को लगी तो पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया, शासन ने लखनऊ से जांच टीम भेजकर कालेज की जांच कराई और इस कालेज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया, जिसमें कालेज के प्रिंसिपल सहित कई लोग जेल भेजे गये थे। 


लखनऊ से लेकर गाजीपुर तक शिक्षा विभाग में यह कालेज सुर्खियो में रहा लेकिन कुछ ही वर्ष बाद इस नकल माफिया स्‍कूल ने अपने रसूक के बल पर अपने सारे काले-कारनामो पर गंगा जल छिड़कर पाक साफ कर लिया और यहां पर हाईस्‍कूल- इंटर व अन्‍य बड़ी परीक्षाएं आयोजित होने लगी। जिसकी चर्चा जिले में जोरो पर थी कि कुछ दिन पहले यह कालेज नकल के लिए पूरे प्रदेश में बदनाम था और आज योगी सरकार में कैसे पाक साफ हो गया। सबसे बड़ा आश्‍चर्य की बात है कि इस कालेज को जिला प्रशासन की टीम ने सेंटर बनाने के लिए पूर्णरूप से सही और स्‍वच्‍छ पाया और सेंटर बनाने के लिए हरी झंडी दे दी। 

खुद जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य ने इस बात को कबूला कि जिला विद्यालय निरीक्षक ओमप्रकाश राय ने बताया कि यह कालेज ब्‍लेकलिस्‍टेड नही है। उन्‍होने बताया कि एसडीएम व शिक्षा विभाग के अधिकारियो के जांच के बाद सेंटर बनाने के लिए हरी झंडी दी जाती है। इस घटना की चर्चा पूरे जिले में जोरो पर है कि भाजपा के भ्रष्‍टाचार मुक्‍त शासन के नारे के बावजूद भी भ्रष्‍टाचारी अधिकारियो के मकड़जाल ने योगी सरकार के लोकप्रियता पर ब्रेक लगा दिया है।


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