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गाजीपुर: मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर मौनी अमावस्या पर गंगा व गोमती नदियों में शुक्रवार की सुबह से ही स्नानार्थियों की भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर दान-पुण्य के साथ दर्शन-पूजन किया। ठंड व गलन होने से दिन चढ़ने के साथ गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती गई। नगर के ददरीघाट, कलेक्टर घाट समेत अन्य घाटों पर भीड़ लगी रही।


खानपुर : क्षेत्र के गंगा व गोमती नदी में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। गौरी में गोमती तट पर स्थित पर्णकुटी के महंत अरुनदास जी महाराज कहते हैं कि मौनी अमावस्या पर नदी या सरोवर में मौन रहकर स्नान करने से पुण्य लाभ मिलता है। मौनव्रत रहने से आत्मशांति व संयम मिलता है। आज के दिन किया गया दान-पुण्य का फल सतयुग के ताप के बराबर मिलता है। माघी अमावस्या के दिन गंगा का जल अमृत के समान हो जाता है। इस दिन प्रात: स्नान करने के बाद भगवान विष्णु व भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। माघ मास में सूर्योदय से पूर्व किया गया स्नान अति उत्तम माना जाता है। स्नान के बाद गरीबों और साधु संतों को तिल, गुड़, कंबल, वस्त्र, अन्न का दान अवश्य करना चाहिए। शुक्रवार को अमावस्या के संयोग पर शनि, चंद्रमा के बेहद करीब आ जाएगा। इस तरह पृथ्वी, चंद्रमा और शनि तीनों एक लाइन में आ जाएंगे। विज्ञान शिक्षक अरविद सिंह का कहना है कि शनि का चंद्रमा के पास आना सामान्य घटना है, लेकिन इस अमावस्या पर अपनी ही राशि में प्रवेश करते हुए शनि का चंद्रमा के पास आ जाना दुर्लभ संयोग है। अमावस्या पर शनि का राशि परिवर्तन महत्वपूर्ण माना जाता है।


मुहम्मदाबाद : नगर सहित ग्रामीण इलाकों में मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर पहुंचकर स्नान व दान कर पुण्य अर्जित किया। बच्छलपुर, रामपुर, गौसपुर, सुल्तानपुर, सेमरा, शेरपुर, वीरपुर, लोहारपुर, पलिया आदि गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। काफी संख्या में श्रद्धालु मौन व्रत रहकर स्नान किया।

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