गाजीपुर: किसान और गोवंश दोनों बदहाल, जिम्मेदार अनजान
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिला प्रशासन की उपेक्षा के कारण सरकार की ओर से बने गौशाला की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। इससे किसान और गोवंश दोनों बदहाल हैं और प्रशासन इससे अनजान बना हुआ है। सही व्यवस्था नहीं होने के कारण जहां बेसहारा पशु तड़प रहे हैं, वहीं किसानों को दिन व रात दोनों समय अपने खेत की रखवाली करनी पड़ रहा है।
खानपुर : क्षेत्र के लौलेहरा में साल भर पहले शुरू किया गया सरकारी गौशाला आज भी बदहाल स्थिति में पड़ा हुआ है। जहां क्षेत्रीय किसान गोवंश से परेशान हैं और सरकारी मुलाजिमों को आवारा पशुओं से निजात दिलाने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा। कार्यदायी संस्था की उपेक्षा का शिकार लौलेहरा गौशाला अधूरा पड़ा है। सिर्फ लंबी सी एक नाद बनाकर बगैर किसी छाया, बैरिकेडिग, पानी टंकी, खूंटा, भूंसा, चारा और व्यवस्था के नाममात्र का गौशाला बनाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी हर गांव में गौशाला बनवाने के बजाय स्थापित गौशालाओं की व्यवस्था सुदृण करते तो किसानों को अपने कीमती फसलों को बेसहारा पशुओं से गवांना नहीं पड़ता। रामपुर के जलनिगम स्थित अस्थायी आश्रय स्थल पर टेंट और चारा पानी के अभाव में दर्जनों मवेशी दम तोड़ चुके हैं। सड़कों पर धक्का खाकर अकारण काल के गाल में समाने और घायल होकर गोवंश तड़पते रहते हैं।
सादात : रेलवे स्टेशन के सामने स्थित कोइरिया पोखरे के पास बन रहा गोवंश आश्रय स्थल आगामी दो माह के अंदर पूरा होने की उम्मीद है। करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से बन रहा इस गोवंश आश्रय स्थल पर पांच सौ पशुओं को रखने की क्षमता का निर्माण तेज गति से हो रहा है। करीब बीस फीट ऊंची चहारदीवारी का निर्माण चारों तरफ से हो चुका है। पशुओं के लिए भूसा, चारा आदि रखने के लिए दो बड़े हाल के अलावा ऊपर से टीनशेड लगाने के लिए तैयारियां चल रही है। चेयरमैन प्रतिनिधि राजनाथ यादव ने बताया कि दूसरी किश्त की धनराशि नहीं मिलने के कारण निर्माण में देरी हो रही है।