गाजीपुर: जनता का विश्वास सिस्टम से हो रहा है कम- डीएम ओमप्रकाश आर्य
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर मां रामसुमेरी देवी स्मृति पूर्वांचल विकास समिति के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला समुचित वित्तीय समावेश में ग्रामीण विकास का आयोजन शनिवार को जिला पंचायत सभागार में हुआ। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य ने कहा कि योजनाओं का धरातल पर सही तरीके से कार्यान्वयन न होने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कार्यदायी संस्थाओं व बैंकिंग सेक्टर के लोगों का मन से कार्य न करने के कारण आज आम जनता का विश्वास सिस्टम से कम होता जा रहा है। उन्होने कहा कि ग्रामीण प्रवेश में ऐसे लोगों को जो वित्तीय रुप से कमजोर और जिनका विकास उस गति से नही हो पा रहा है जिस तरह से देश के अन्य भागों में विकास हो रहा है इसके लिए उन क्षेत्रों की कार्यदायी संस्थाओं के कार्यप्रणाली की समीक्षा करनी होगी। कभी-कभी योजनाएं बनाते समय सभी पहलू का ध्यान न रखने के वजह से भी योजनाएं धरातल पर सफल नही हो पाती है।
जैसे फसल बीमा में किसान व्यक्गित रुप से प्रीमियम भरता है लेकिन जबतक उस गांव के किसानों की 50 प्रतिशत की क्षति नही होती है तबतक वह गांव या व्यक्तिगत रुप से लाभांवित नही हो पाता है। इसलिए ऐसी योजनाएं बहुत ज्यादे धरातल पर लोकप्रिय नही हो पाती हैं। उन्होने बैंकों के कार्यप्रणाली पर उंगली उठाते हुए कहा कि बैंकिंग सेक्टर के लोग पूरे मनोयोग से कार्य नही करते हैं इस मनोयोग से योजनाएं बनती है। योजनाएं बनाते समय विद्वान जनों और बड़े अधिकारियों को यह ध्यान देना होगा कि योजनाओं का लाभ सभी को मिले चाहे वह अनपढ़ व निर्धन हो या पढ़ा लिखा सम्पन्न हो। जिलाधिकारी ने कहा कि विकास का पैमाना योजना की विश्वसनियता से नापी जानी चाहिए न कि आंकड़े से।
योजना लागू करने वाले लोगों की वैचारिक विद्वता धरातल पर पीछे होती जा रही है जिससे कि जनता का विश्वास सिस्टम से कम होता जा रहा है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आयोजक अजय शंकर सिंह मुख्य लेखा नियंत्रक ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार ने कहा कि पूर्वांचल में केद्र सरकार की योजनाएं धरातल पर खरी नही उतर पा रही हैं। पूर्वांचल के लोग कड़ी मेहनत कर के अपने परिश्रम की कमाई बैंको में जमा करते हैं लेकिन उस पैसे का सद्उपयोग महाराष्ट्रा, पंजाब, हरियाणा आदि अग्रणी प्रदेश के किसान व्यापार करके बहुत उन्नत करते हैं जबकि पूर्वांचल के किसान बैंक के ब्याज पर ही जिंदगी काट देते हैं।
उन्होने कहा कि पूर्वांचल में भी जागरुकता से किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सकती है। उन्होने कहा कि हमारा जिला हर मामले में प्रतिदिन पिछड़ता जा रहा है, सरकारी योजनाएं धरातल पर उतरते ही दम तोड़ देती है और भ्रष्टाचार का शिकार हो जाती है। श्री सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है कि योजनाबद्ध तरीके से कार्य करके अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। उन्होने कहा कि व्यक्ति को प्राथमिकता देना होगा कि हर व्यक्ति कार्य करके कितना कमाया, कितना बचाया, बचाने के बाद कितना दूसरे व्यापार में निवेश किया और भविष्य के लिए कितना धन संचित किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक जयपुर कृषि संधान केंद्र सर्वजीत सिंह ने कहा कि भारत की पुरानी और परम्परागत धन से दलहनी के खेती कर भारत के किसानों का आमदनी को दूना किया जा सकता है और प्रोटीन की कमी को पूरा करते हुए असाध्य रोगों का भी इलाज किया जा सकता है। इसके लिए किसानों को दलहन की खेती में जागरुकता दिखानी होगी। सत्यदेव ग्रुप आफ कालेजेज के चेयरमैन डा. सानंद सिंह ने कहा कि जागरुकता के अभाव में सरकारी योजनाएं धरातल पर कोई लाभ नही मिल पा रहा है आज भी ग्रामीण अंचलों में बिचलौलियों के माध्यम से बैंकों के खाते खुलवाये जाते है। कार्यक्रम को पोस्टमास्टर जनरल वाराणसी प्रणव कुमार, अखिलेश सिंह, डा. डीएस त्रिपाठी, डा. विरेंद्र कुमार सिंह, डा. अमित गौतम, डा. प्रशांत कुमार, डा. जेएस सिंह, डा. राहुल आनंद सिंह ने सम्बोधित किया। आये हुए अतिथियों का स्वागत संस्था के सचिव नागेंद्र सिंह ने किया।