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उत्तर प्रदेश पुलिस पर लगे आरोपों पर DGP की सफाई- हिंसा के दौरान हमने पत्थर खाए

गाजीपुर न्यूज़ टीम, उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हिंसा देखने को मिली है. जिसके बाद यूपी पुलिस पर कई सवाल उठे हैं. अब उत्तर प्रदेश पुलिस पर लग रहे आरोपों पर डीजीपी ओपी सिंह ने सफाई दी है.

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, 'हिंसा के दौरान हमने पत्थर खाए. हमारे 263 पुलिसकर्मी घायल हैं. कानपुर में हमारे जवान पर पेट्रोल बम फेंका गया, जिसमें उसका सिर फट गया है. जो भी आरोप लग रहे हैं, उसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. स्थानीय प्रशासन को मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है. निर्दोष लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी. वहीं दोषी बख्शे नहीं जाएंगे.'

वहीं उत्तर प्रदेश प्रशासन उन लोगों की पहचान कर रही है जो उपद्रवी हिंसा में शामिल थे. साथ ही हिंसा में कई सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. यूपी पुलिस उपद्रवियों की पहचान कर उनसे नुकसान की भरपाई करने में जुटी है. इसको लेकर ओपी सिंह ने कहा, 'किसी भी सरकारी चीज में जनता का पैसा लगा होता है. करदाताओं के पैसे से खरीदी गई चीज के नुकसान की भरपाई के लिए अब आरोपियों से वसूली की जाएगी. इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. जिसको लोगों ने भी सराहा है.'

ओपी सिंह ने कहा, 'हमने फायरिंग का आदेश नहीं दिया. जहां जरूरत लगी वहां हमने आंसू गैस के गोले दागे. कुछ जगह लाठीजार्च की गई. कईयों को गोलियां भी लगी है. साथ ही हमनें कई जगहों से कारतूस भी बरामद किए हैं. हमने कार्रवाई की और स्थिति को संभालकर रखा. कई लोगों को स्पॉट पर भी गिरफ्तार किया गया. इनमें से कई लोगों ने उकसाने का काम भी किया.' ओपी सिंह ने कहा, 'दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा. लोग शांति बनाए रखे.'


प्रदर्शनकारियों को नोटिस
उत्तर प्रदेश में हिंसाग्रस्त जिले की पुलिस ने ट्विटर से लेकर चौक चौराहों तक उपद्रवियों और प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें टांग दी है. पहचान बताने वालों को इनाम का ऐलान तक कर दिया गया है. साथ ही जिन की पहचान हो चुकी है उनके घरों पर नोटिस भेजे जाने लगे हैं. नोटिस में यह पूछा जा रहा है कि आप हिंसक प्रदर्शन में शामिल थे, उपद्रव और तोड़फोड़ में आप पहचाने गए हैं क्यों ना आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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