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ग़ाज़ीपुर: गोपीनाथ पीजी कालेज में पर्यावरणीय समस्याएं एंव उनका समाधान विषयक संगोष्ठी का आयोजन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर पर्यावरण सुरक्षा के लिए हमें एक बार फिर भारतीय संस्कृति की तरफ लौटना होगा, क्योंकि गांव की जनता आज भी विज्ञान की बातें सही से नहीं जान पाती जबकि धर्म और संस्कृति से जोड़ने के बाद यह लोग आसानी से बातों को समझ लेते हैं, जैसे कि जल को प्रदूषित होने से बचाने के लिए देखा जाए तो भारतीय संस्कृति में जल की पूजा की जाती है ठीक इसी तरह भारतीय संस्कृति और धर्म में पर्यावरण की बात भी कही गई है महत्वपूर्ण वृक्षों पर देवताओं का वास माना गया है इस प्रकार से धर्म के आधार पर भी वृक्षों को नष्ट होने से बचाया जा सकता है उक्त बातें प्रख्यात पर्यावरणविद् एवं अमरनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबे छपरा बलिया के पूर्व प्राचार्य डाक्टर गणेश कुमार पाठक ने गोपीनाथ पीजी कॉलेज, देवली ग़ाज़ीपुर में आयोजित पर्यावरणीय समस्याएं एंव उनका समाधान विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा। 

आगे उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन विलासिता होना व जनसंख्या वृद्धि प्रदुषण का मुख्य कारण है। पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए हमें सबसे पहले अपने घरों से शुरुआत करनी होगी संगोष्ठी आयोजित कर हम लोग इस से सिर्फ जागरूकता ही पैदा कर सकते हैं। विश्वस्तर पर भी बहुत से सम्मेलन होते हैं लेकिन उसका कोई प्रमुख परिणाम सामने नहीं आता विकसित देश प्रदुषण का सारा दोष विकासशील देशों पर ही डाल देते हैं। विशिष्ट अतिथि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रख्यात भूगोलवक्ता प्रो.विनोद कुमार त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि प्राकृतिक के साथ हम खिलवाड़ कर रहे हैं पेड़ काट रहे हैं लेकिन लगा नहीं रहे हैं अगर हम लोग स्वयं जागरूक हो जाएं और निर्णय कर लें तो पर्यावरण सुरक्षित कैसे नहीं होगा। 

हमें अपने घर और अपने स्तर से पर्यावरण प्रदूषण रोकने का प्रयास करना होगा। प्राकृतिक संसाधनों के दुरुपयोग के कारण ही जलस्तर तेजी के साथ नीचे जा रहा है, साफ पानी नहीं मिल रहा तो हमें आज पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है, ठीक उसी प्रकार हम दिन भर में 2120 रूपये का आक्सीजन फ्री में प्रयोग कर रहे हैं अगर हम अब भी नहीं चेते तो पानी के साथ-साथ हवा भी खरीदनी पड़ेगी। जनसंख्या बढ़ने से हर चीज़ की मांग बढ़ी है जिसके कारण प्रदुषण फैल रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से सम्बद्ध जगत तारन डिग्री के असिस्टेंट प्रोफेसर व तीन बार आईएएस का साक्षात्कार देने वाले डॉक्टर दर्शन कुमार झा ने छात्रों के साथ आईएएस की परीक्षा और अपने अनुभव के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। समय और स्थान को दिमाग की दो आंखें बताया। विकास और पर्यावरण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आप को जानकर आश्चर्य होगा कि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा एयरकंडीशन भारत में हैं। 

जो कि पर्यावरण प्रदूषण का एक कारण भी हैं। हम लोग तरक्की कर रहे हैं लेकिन पर्यावरण को दूषित भी कर रहे हैं। और जब पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है तो अपनी सारी तरक्की फिर इस का सुधार करने में लगाते हैं। आगे उन्होंने कहा कि हमें प्राकृतिक संसाधनों को बचाना होगा जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी को इसका लाभ मिल सके और इसका सही उपयोग कर सके। हम उतना ही संसाधन प्रयोग करें जितना कि लौटा सकें, नहीं तो पृथ्वी स्वयं ले लेगी। पृथ्वी तभी तक सहन करेगी जब तक हम कम नुकसान कर रहे हैं और जब नुकसान ज़्यादा होगा और पृथ्वी अपने आप को ठीक करने लगेगी तो हम लोग फिर कुछ नहीं कर पायेंगे। 

मौसम का परिवर्तन भी पर्यावरण प्रदूषण का ही एक कारण है। रिसर्च स्कालर अतुल कुमार तिवारी ने आज के युग में इलेक्ट्रॉनिक वेस्टेज को भी पर्यावरण प्रदूषण की एक बड़ी समस्या बताया, वहीं रेडियो पॉल्यूशन मोबाईल से निकलने वाली तरंगों को भी खतरनाक बताया और आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन की एक रिपोर्ट बताते हुए कहा कि 0.5 प्रतिशत लोगों को इसी कारण से भूलने की बीमारी होती है और 10 साल बाद कैंसर जैसा रोग भी सामने आने लगता है। जंगलों का नष्ट होना भी पर्यावरण की एक बड़ी समस्या बताया। इन्होंने एक सुझाव भी दिया कि हम अपने कालेजों के आई कार्ड, पोस्टर - बैनर आदि में भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं करें।

कार्यक्रम के अन्त में कालेज की प्राचार्य डाक्टर सुधा त्रिपाठी ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस एक दिवसीय गोष्ठी का आरंभ मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, संरक्षक, प्रबंधक व कालेज प्राचार्य द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया। एमए भूगोल की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया, इसके बाद भूगोल विषय के छात्र छात्राओं ने अलग अलग विषयों पर पोस्टर के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी जिसमें वायु प्रदूषण फैलने के कारण व उनके समाधान, एमए द्वितीय वर्ष की छात्रा सुष्मिता द्वारा ओजोन क्षरण, छात्र अनिल प्रजाति ने पर्यावरण प्रदूषण, रघुनाथ चौहान द्वारा जलचक्र, निर्भय राजभर द्वारा ओजोन प्रत संरक्षण, अनिता कुमारी द्वारा पर्यावरण परिमंडल, काजल सिंह द्वारा आक्सीजन चक्र, अखंड प्रताप सिंह द्वारा मृदा अपरदन समस्या और समाधान, अंजलि सिंह द्वारा जल प्रदूषण, कंचन चौहान द्वारा वैश्विकतापन व ग्लोबल वार्मिंग आदि विषयों पर अपनी प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता गोपीनाथ विद्या ट्रस्ट के संरक्षक राकेश तिवारी ने की। जबकि कार्यक्रम का संचालन भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर ऋषिकेश तिवारी ने किया। अतिथियों का स्वागत कालेज के संरक्षक राकेश तिवारी, प्रबंधक शिवम त्रिपाठी व प्राचार्य डॉ सुधा त्रिपाठी द्वारा अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कालेज के समस्त अध्यापक अध्यापिकाएं और भूगोल विषय के समस्त छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।और सेमिनार में उपस्थित रहने वाले छात्रों को कालेज की तरफ से प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।
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