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गाजीपुर: बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड में तीन को आजीवन कारावास

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर अपर सत्र न्यायाधीश (षष्ठम) अजय श्रीवास्तव की अदालत ने साढ़े तीन वर्ष पहले हुए ग्राम प्रधान व उनके भतीजे की हत्या के मामले में बुधवार को तीन आरोपितों को आजीवन कारावास व 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि न देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।


27 अप्रैल 2016 को सादात ब्लाक के हीरानंदपुर गांव के प्रधान नंदलाल यादव अपने भतीजे शक्ति यादव के साथ बाइक द्वारा सैदपुर बाजार से वापस घर आ रहे थे। सैदपुर थाना क्षेत्र के नरायनपुर ककरहीं गांव के पास बाइक सवार हमलावरों ने दोनों को गोली मार दी थी। ग्रामप्रधान की मौके पर ही मौत हो गई जबकि शक्ति यादव ने घायलावस्था में इलाज के लिए वाराणसी जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया। घटना से आक्रोशित ग्रामप्रधान पक्ष के लोगों ने गांव में हंगामा व आगजनी कर दी थी। क्षेत्राधिकारी व उपजिलाधिकारी के ऊपर पथराव भी किया। मामला बिगड़ने पर डीएम व एसपी ने पहुंचकर ग्रामीणों को समझाकर किसी तरह बवाल शांत कराया था। 


इस मामले में नंदलाल यादव के चचेरे भाई भईयालाल यादव ने गांव के हरिकेश यादव, वरुण यादव, अंकुर यादव, सुधीर यादव, सुनील यादव व सोहन यादव के खिलाफ सैदपुर कोतवाली में तहरीर दी थी। किशोर होने के कारण अंकुर यादव का विचारण किशोर न्यायालय में किया गया। सुनील यादव व सोहन यादव को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया। अभियोजन की ओर से नौ गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया। उनकी गवाही के आधार पर न्यायाधीश ने हरिकेश, वरुण व सुधीर को दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनाई।


नंदलाल के भाई की भी हुई थी हत्या
हीरानंदपुर गांव में ग्रामप्रधानी चुनाव को लेकर मृतक नंदलाल के परिवार से बहुत पहले से बाइक से चली आ रही है। 21 दिसंबर 2008 को नंदलाल के बड़े भाई ग्रामप्रधान विशुन यादव के आंख में मिर्ची फेंकने के बाद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद विशुन यादव की पत्नी उर्मिला गांव की प्रधान बनीं। उर्मिला के बाद नंदलाल प्रधान बने तो उनकी की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। नंदलाल की मौत के बाद उनकी पत्नी पुष्पा देवी ग्रामप्रधान हैं।
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