गाजीपुर: सीएए के समर्थन में निकला जुलूस, युवाओं ने किया बुद्धि-शुद्धि यज्ञ
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर रविवार को जनपद में मिलाजुला असर दिखा। मेदनीपुर में युवाओं ने कानून के समर्थन में जुलूस निकालकर झारखंडेय महादेव मंदिर में बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया। बहादुरगंज में लोगों ने उपजिलाधिकारी कासिमाबाद मंशाराम वर्मा को पत्रक सौंपकर विरोध प्रकट किया। इधर प्रशासन शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर चौकन्ना है। डीएम ओमप्रकाश आर्य व एसपी डा. अरविद चतुर्वेदी ने राइफल क्लब में धर्मगुरुओं व बुद्धिजीवियों के साथ बैठक कर सीएए की बारीकियां बताईं। कासिमाबाद में जिले के आला अधिकारियों ने पहुंचकर वहां का हाल जाना और आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।
ताड़ीघाट निवासी युवा नेता हर्ष सिंह के नेतृत्व में सुबह आसपास गांव के युवा इकट्ठा हुए। जुलूस के शक्ल में सभी युवा सीएए व एनआरसी के समर्थन में नारेबाजी करते हुए लोगों को जागरूक भी कर रहे थे। सभी अपने हाथों में सीएए के सपोर्ट में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर चल रहे थे। समर्थन में नारेबाजी भी कर रहे थे। जुलूस में शामिल सभी युवा मेदनीपुर स्थित झारखंडेय महादेव मंदिर पहुंचे और यहां इसका विरोध करने वालों की सदबुद्धि के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ किया। हर्ष सिंह ने कहा कि जो लोग नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को एक दूसरे से जोड़कर देख रहे हैं उन्हें इस बात का पता ही नहीं है कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी दोनो अलग-अलग हैं। हम आज अपने बुद्धि-शुद्धि यज्ञ के माध्यम से राजनीतिक दल के नेताओं को बुद्धि देने की शुभकामना कर रहे हैं, जो अपने राजनीतिक महत्वाकांक्षा में देश को आग में झोंक रहे हैं। इस कानून का बेवजह भय दिखाकर अल्पसंख्यकों सहित देश में भय का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है। इस कानून को पूरी तरह से समझने और लोगों को समझाने की जरूरत है। कालूपुर, मेदनीपुर, ताड़ीघाट, युवराजपुर आदि गांव के राजकुमार सिंह, विवेक सिंह, सिद्धांत सिंह, शिव कुमार चौधरी, आचार्य पंकज पांडेय, अरविद सिंह, मुन्ना सिंह, निलेश, गांधी सिंह, आदर्श, बंटी, अविनाश, धीरेंद्र सिंह, सोनू सिंह, अमित सिंह आदि युवा शामिल थे।
डीएम व एसपी ने बताई सीएए की बारीकियां
राइफल क्लब में धर्मगुरुओं व बुद्धजीवियों के साथ बैठककर डीएम ओमप्रकाश आर्य व एसपी डा. अरविद चतुर्वेदी ने सीएए की बारीकियां बताईं। कहा कि नागरिकता संशोधन कानून मात्र छह धाराओं व तीन पन्नों का छोटा सा कानून है। इसके माध्यम से भारत के तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश से छह समुदायों (हिदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी व ईसाई) के लोगों को जिनका इन देशों में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न किया गया और जिसकी वजह से वो अपना देश छोड़कर भारत में शरणार्थी बनकर आए हैं, ऐसे लोगों को भारत की नागरिकता देने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। कानून किसी भी भारतीय नागरिक चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो, उससे किसी तरह से संबंधित नहीं है। अधिकारी द्वय ने लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग की अपील की। सीडीओ हरिकेश चौरसिया समेत जिलास्तरीय सभी अधिकारी व सभी एसडीएम मौजूद थे।
सड़क पर निकले एसपी व डीएम, शांति बनाए रखने की अपील
कासिमाबाद : शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए डीएम ओमप्रकाश आर्य व एसपी डा. अरविद चतुर्वेदी कासिमाबाद पहुंचे। सड़क पर फोर्स के साथ अधिकारी द्वय ने भ्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। कासिमाबाद कोतवाली में मातहतों के साथ बैठक किया। डीएम व एसपी ने अधीनस्थों को अलर्ट मूड में रहने का निर्देश दिया।
कानून वापस लेने के लिए एसडीएम को सौंपा पत्रक
बहादुरगंज : नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में स्थानीय नगर के लोगों ने स्थानीय पुलिस चौकी पहुंचकर राष्ट्रपति को प्रेषित पत्रक कासिमाबाद के एसडीएम मंशाराम वर्मा को सौंपा। सपा के वरिष्ठ नेता योगेंद्र नाथ राय ने कहा कि इस कानून के लागू होने से भारतीय संविधान की आत्मा पर कुठारापात होगा। देश का भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सपनों का उपहास होगा। सरकार के इस फैसले से शांतिपूर्ण माहौल में तनाव पैदा हो रहा है। कहा कि यह कानून वापस लिया जाए।
एसडीएम ने कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें। माहौल खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। चेयरमैन प्रतिनिधि रेयाज अहमद अंसारी, मुश्ताक अंसारी, योगेंद्रनाथ राय, हाफिजुर्रहमान, अब्दुल अली, जुबैर अंसारी, अख्तर हुसैन आदि थे। रहे। अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार सिंह, एसपी ग्रामीण चंद्रप्रकाश शुक्ला, क्षेत्राधिकारी कासिमाबाद महमूद अली, तहसीलदार कासिमाबाद विराट पांडेय, थानाध्यक्ष कासिमाबाद अनिल कुमार पांडेय, पुलिस चौकी प्रभारी सुनील कुमार शुक्ला सहित बिरनो, मरदह, बरेसर, करीमुद्दीनपुर थानों की फोर्स के साथ डेढ़ सेक्शन पीएसी के जवान तैनात थे।