गाजीपुर: जांच के आंच में तप रही है भाजपा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिले में भाजपा द्वारा विकास की गंगा बहाने के दावे पर आज चर्चा राजनैतिक गलियारो में जोरो पर रही। भाजपा ने 2014 से लेकर 2019 तक पूरे जिले में विकास की गंगा बहाने का जो दावा किया था, आज उसकी पोल खुल गयी है। लोकसभा चुनाव हारने के बाद आज भाजपा के विधायक और भाजपा के कार्यकर्ता व ठेकेदार आमने-सामने हो गये है। ठेकेदार व विधायक की जंग जो गाजीपुर सदर से चली थी वह आज जमानिया विधानसभा में चरम पर है। बुद्धवार को टीएसी टीम ने जमानिया विधानसभा के दिलदारनगर से भदौरा रोड का जांच किया। एक तरफ ठेकेदार गुणवत्तायुक्त सड़के बनाने का दावा कर रहें है तो दूसरी तरफ उन्ही के पार्टी की विधायक सड़क निर्माण में घटिया क्वालिटी और घोर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर जांच करवा रही है। जांच के जंग से पूरी भाजपा तप रही है। विकास कार्य का पोल खुल गया है। सूत्रो के अनुसार विधायक और ठेकेदार की जंग आ असली मकसद व्यक्तिगत फायदा है।
सपा और बसपा के सरकारो में जो भी विधानसभा में कार्य होते थे कार्यदायी संस्था के अधिशासी अभियंता और कर्मचारी मिलकर विधायक जी के इशारे पर टेंडर करा देते थे और विधायक जी के ठेकेदार को कार्य मिल जाता था। ठेकेदार विधायक जी के चरणवंदना में लगा रहता था। योगी सरकार में ठीक उल्टा हो गया। ऑनलाईन टेंडर के कारण अब कार्यदायी संस्था के अधिकारी टेंडर मैनेज कराने में अपने हाथ खड़ा कर दिये और इस कार्य से किनारा कस लिये। जिसके चलते विकास कार्यो में विधायक का हस्ताक्षेप समाप्त हो गया। अब उनके प्रिय ठेकेदार हासिये पर आ गये। आम ठेकेदार भी बिलो टेंडर डालकर कार्य को अपने पक्ष में कर लेते है और विधायक जी की कोई दाल नही गलती है।
इस प्रक्रिया में ठेकेदार अपने दम पर कार्य को अपने पक्ष में करा लेता है जिससे वह विधायक जी की चरणवंदना नही करता है। जिससे विधायक अपने मंशा में सफल नही हो पाते है और फिर खेल शुरू हो जाता है शासन को शिकायत कर जांच कराने की, जिससे आज भाजपा पीडि़त है। इस संदर्भ में भाजपा के जिलाध्यक्ष भानूप्रताप सिंह ने बताया कि सरकारी जांच चलते रहते है, इससे पार्टी पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा। राजनैतिक गलियारो में चर्चा है कि जांच के जंग में भाजपा तप रही है, जनपद का हर आदमी जानता है कि जांच के पीछे किसकी क्या मंशा है।