Today Breaking News

गाजीपुर: चार चालकों के सहारे जिले की अग्नि सुरक्षा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर अग्निशमन विभाग के चार चालकों के कंधों पर जिले की अग्नि सुरक्षा की जिम्मेदारी है। अग्निशमन स्टेशन पर नौ के सापेक्ष केवल चार चालक तैनात हैं, जिसमें मुहम्मदाबाद और जमानियां में एक-एक चालक तैनात हैं जबकि शहर मुख्यालय पर केवल दो ही चालक उपलब्ध रहते हैं। ऐसे में अगलगी की घटना होने के बाद मौके पर पहुंचने में काफी समय लग जाता है। सूचना के बावजूद फायर ब्रिगेड मौके पर देर से पहुंचता है। इसकी वजह कर्मचारियों की सुस्ती नहीं बल्कि माकूल इंतजाम का न होना है। उधर नगर के सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों सहित बैंकों एवं विद्यालयों में अगलगी से बचाव का समुचित इंतजाम नहीं है। अधिकतर कार्यालयों में अग्नि शमन यंत्र तो हैं लेकिन निष्प्रयोज्य हो चुके हैं। जिला मुख्यालय पर फायर बिग्रेड के पास संसाधन के नाम पर केवल पांच बड़ी व छह छोटी गाड़ियां हैं मगर चालक मात्र चार ही हैं। इसके अलावा 69 फायर मैन की जगह 43 की तैनाती है। 

इसमें से एक वाहन जमानियां व एक मुहम्मदाबाद में खड़ा रहता है जबकि बाकी वाहन जिला मुख्यालय पर रहता है। इसके अलावा अग्नि की सुरक्षा को लेकर लोगों में जागरुकता की काफी कमी है। लोग भवन निर्माण तो कराते हैं लेकिन उसमें आग से सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं करते। कुछ ऐसी ही लापरवाही विद्यालयों में दिख जाएगी जहां अग्नि से सुरक्षा का कोई माकूल इंतजाम नहीं है। सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों में जहां अग्निशमन यंत्र हैं उसकी वैधता तिथि समाप्त हो चुकी है। आग लगने के बाद उसका कोई इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। सब कुछ जानने के बाद भी अग्निशमन विभाग जांच के नाम पर कोरम पूरा करता है।

बजट के अभाव में अधूरा है निर्माण
नगर मुख्यालय से दूर होने के कारण शासन ने सैदपुर, जखनियां एवं जमानियां में अग्निशमन स्टेशन का निर्माण शुरू हुआ। शुरू में तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा लेकिन कुछ ही दिनों बाद बजट के अभाव में निर्माण रुक गया। ऐसे में अगलगी की घटना होने के बाद वहां वाहन पहुंचने में काफी समय लग जाता है और सब कुछ जलकर खाक हो जाता है।

होटलों में नहीं अग्नि से सुरक्षा के उपकरण
जिले के अधिकांश होटलों में अग्नि सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं हैं। वर्षों से रखे अग्निशमन यंत्र निष्प्रयोज्य हो चुके हैं। हालांकि अग्निशमन विभाग की कड़ाई के चलते अब होटल सहित अन्य प्रतिष्ठान अपने यहां अग्निशमन की व्यवस्था करने लगे हैं। विभाग भी लापरवाह है। केवल कोरम पूरा करने के लिए उनको नोटिस देकर शांत हो जाता है। वहीं होटल व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान संचालक इस खतरे से बिलकुल बेपरवाह बैठे हुए हैं।

चालक की कमी से आती है समस्या
जिले में अग्निशमन वाहन तो पर्याप्त हैं लेकिन चालकों की कमी से काफी समस्या आती है। अगलगी की कई घटनाएं एक साथ होने पर वाहन पहुंचने में काफी समस्या हो जाती है। अगर वाहन मिल जाएं तो अगलगी की घटनाओं पर काबू पाने में आसानी होगी। - विनोद कुमार रावत, अग्निशमन अधिकारी द्वितीय।

इनकी है तैनाती
- मुख्य अग्निशमन अधिकारी - एक

- अग्निशमन अधिकारी द्वितीय - एक

- चालक - चार

- हेड कांस्टेबल - आठ

- कांस्टेबल - 43
'