गाजीपुर: मुआवजे के रेट में असमानता पर किसानों ने रोका रेललाइन निर्माण
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर ताड़ीघाट-मऊ करीब 51 किमी लंबे रेलखंड परियोजना के पहले फेज का रेल लाइन निर्माण कार्य मेदनीपुर के किसानों ने मुआवजा में असमानता का आरोप लगाते हुए बुधवार को रोकवा दिया। सूचना पर जमानियां एसडीएम सत्यप्रिय सिंह पूरे दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। आक्रोशित किसानों को समझाने का उन्होंने काफी प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। चेताया कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी, कार्य शुरू नहीं होने देंगे।
करीब 1766 करोड़ की लागत से ताड़ीघाट से मऊ तक रेलवे लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है। इसके तहत पहले फेज में ताड़ीघाट से गाजीपुर जिसमें गंगा नदी पर रेल सह रोड ब्रिज भी है, इसका निर्माण प्रगति पर है। कुछ माह पूर्व भी किसानों ने प्रशासन द्वारा काफी कम सर्किल रेट लगाने पर कार्य को रोकवाते हुए आर्बिटेशन दाखिल किया था। जिस पर सुनवाई हुई तो जिलाधिकारी ने 40-50 लाख की जगह दो करोड़ रुपये प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा निर्धारित किया। लेकिन कालूपुर चट्टी के नीचे कुछ जमीन का रेट करीब 60 लाख रुपये प्रति बीघा लगाया गया है। किसानों ने इसका विरोध किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
इस पर मेदनीपुर के दर्जनों की संख्या में किसान आक्रोशित हो गए और रेल लाइन के चल रहे निर्माण कार्य को रोकवा दिया। इसकी सूचना मिलने पर बुधवार की दोपहर जमानियां एसडीएम सत्यप्रिय सिंह पहुंचे। किसानों से काफी देर तक वार्ता किए, काफी समझाने का प्रयास किया। लेकिन किसान असमानता समाप्त कर एक रेट से मुआवजा देने की मांग पर अड़े रहे। इस दौरान एसडीएम ने री-आर्बिटेशन दाखिल करने की भी सलाह दी। घंटों देर तक एसडीएम और किसानों के बीच हुई वार्ता असफल रही जिससे कार्य अभी भी ठप पड़ा है। मौके पर सुहवल प्रभारी निरीक्षक संजय वर्मा, राजस्व निरीक्षक शेषमणी, पीएनसी के प्रोजेक्ट मैनेजर पीसी मोहराना, आरवीएनएल के सर्वेयर अजय राय, जीपीटी के प्रोजेक्ट मैनेजर गौतम सरकार, वाइस प्रेसीडेंट अश्वनी कुमार सिंह, रितेश सिंह, रिद्धिमान आदि रहे।
किसानों का आरोप है कि मुआवजा रेट काफी कम है। इस पर किसानों को समझाने का काफी प्रयास किया गया। अब इस मामले में जिलाधिकारी से वार्ता किया जाएगा। उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।- सत्यप्रिय सिंह, उपजिलाधिकारी जमानियां।