गाजीपुर: मुहूर्त से पहले ही सुहेलदेव पर बनने वाली फिल्म के टाइटल से पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर नाराज
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर बॉलीवुड के सिंघम स्टार अजय देवगन 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' के बाद राजा सुहेलदेव पर आधारित फिल्म बनाने जा रहे हैं। इस बात की जानकारी उन्होंने एक दिन पहले ही मीडिया से साझा की थी। यानी अभी नई फिल्म का मुहूर्त शाट भी नही हुआ है और इसके टाइटल को लेकर विरोध शुरू हो गया है। विरोध की शुरुआत यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की ओर से हुई है। ओमप्रकाश चाहते हैं कि फिल्म के नाम में सुहेलदेव के साथ राजभर जरूर रहे।
ओमप्रकाश ने फिल्म की टाइटल में राजभर नहीं जोड़ने पर आंदोलन का एलान किया है। रविवार को बनारस पहुंचे ओमप्रकाश ने कहा कि फिल्म ‘सुहेलदेव एक वीर योद्धा’ में राजभर जोड़ना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर पूरे देश में सुहेलदेव महाराज का अपमान होगा। इसे सुभासपा कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेंगे। सुभासपा पूरे देश में फिल्म का विरोध करते हुए सिनेमाहालों में रिलीज नहीं होने देगी।
जय देवगन की हिस्टॉरिकल ड्रामा फिल्म 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' रिलीज होने जा रही है। इसके ट्रेलर की लांचिंग पर अजय देवगन ने बताया था कि 'तानाजी' के मेकर्स के साथ अन्य ऐसे योद्धाओं पर फिल्म बनाने की योजना तैयार कर रहे हैं जिनका इतिहास में कहीं जिक्र नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि हम अपने इतिहास के गुमनाम वीर योद्धाओं पर फ्रैंचाइज तैयार करेंगे।
निर्देशक ओम राउत मेरे पास तानाजी मालसुरे की स्टोरी लेकर आए थे। इस फ्रैंचाइज को तैयार करने के लिए यह एक बेहतरीन कहानी है। ये कहानियां इन गुमनाम वीर योद्धाओं के राज्यों के बारे में होंगी। और ये राज्य केवल भारत के नहीं बल्कि पूरी दुनिया के होंगे।
अजय देवगन ने इस बारे में बात करते हुए कुछ किरदारों के भी नाम लिए जिनपर उन्होंने भविष्य में फिल्म बनाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, 'हमने कुछ नाम शॉर्टलिस्ट किए हैं लेकिन सबसे पहले हम फिल्म राजा सुहेलदेव के ऊपर बनाएंगे। सुहेलदेव ने 11वीं सदी में मौहम्मद गजनी की सेना को यूपी के बहराइच में हराया था। गजनी ने सोमनाथ मंदिर को लूटकर उसे तोड़ दिया था। उसकी सेना को हराने के बाद सुहेलदेव ने मंदिर का दोबारा निर्माण कराया था। यह फिल्म अमीश त्रिपाठी की किताब पर आधारित होगी। हम लोग इस फिल्म के अडैप्टेशन पर बातचीत कर चुके हैं।
श्रावस्ती के राजा थे सुहेलदेव
सुहेलदेव 11वीं सदी में श्रावस्ती के राजा थे। उन्होंने महमूद गजनवी के भांजे गाज़ी सैयद सालार मसूद को युद्ध में हराया था। गाज़ी 16 की उम्र में अपने पिता गाज़ी सैयद सालार साहू के साथ भारत पर हमला करने आया था। अपने पिता के साथ उसने सिंधु नदी पार करके मुल्तान, दिल्ली, मेरठ और सतरिख (बाराबंकी) तक जीत दर्ज की। उसने अपने साथियों को आसपास के राजाओं को ठिकाने लगाने के लिए भेजा। इनमें से एक खेमे का खुद मसूद का पिता सालार नेतृत्व कर रहा था।बहराइच और उसके आसपास के इलाकों के राजाओं ने मसूद के साथियों से युद्ध किया, लेकिन वो सालार से हार गए। ऐसे में छिटपुट लड़ाइयां चलती रहीं, लेकिन जब सुहेलदेव से युद्ध हुआ तो उसमें मसूद हार गया और बुरी तरह ज़ख्मी हो गया और फिर इन्हीं ज़ख्मों की वजह से उसकी मौत हो गई।