ग़ाज़ीपुर: युवा साहित्यकार दिव्यप्रकाश दुबे ने जिले का नाम किया रोशन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर पटना में आयोजित हिन्दी बेस्टसेलर कार्यक्रम में गाज़ीपुर के मूल निवासी दिव्यप्रकाश दुबे की किताब अक्टूबर जंक्सन और मुसाफिर कैफे सर्वाधिक 10 सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों में क्रमशः पांचवे और सातवें नम्बर पर रही। दिव्यप्रकाश मूलरूप से करण्डा ब्लाक के ब्राह्मणपुरा गांव के निवासी है।विद्वता का गुण इनको पीढ़ियों से विरासत में मिली है।इनके दादाजी स्व रामचन्द्र दुबे गणित में अदभुत रूप से पारंगत थे। बड़े पिता स्व धरणीधर दुबे जनपद न्यायालय गाज़ीपुर में दीवानी के वरिष्ठ अधिवक्ता थे जिनकी लोग आज भी मिसाल देते है तथा पिताजी विद्याधर दुबे सेल्सटैक्स विभाग में मेम्बर आफ ट्रिब्यूनल से रिटायर है।
देखा जाय तो दिब्य का झुकाव बचपन से ही हिंदी के तरफ था। जिसकी वजह से इंग्लिश मीडियम स्कूल की जगह अपना दाखिला सरकारी स्कूल में करवाकर प्राथमिक स्तर की शिक्षा पूरी की।आगे चलकर बीटेक और एमबीए भी किया।पर हिंदी को लेकर कुछ अलग करने की सोच शुरू से मन में बनी रही जिसके परिणाम स्वरूप अपनी पहली किताब "शर्तें लागू" लिख डाली जिसका प्रकाशन 2013 में हुआ।
पाठको की संतुष्टि और प्रियजनों का उत्साहवर्धन मिला।आज दिब्य प्रकाश हिन्दी का विशेष कार्यक्रम देश के अलग अलग शहरों में करते रहते है। गाज़ीपुर जिला आज अपने इस युवा लेखक की कामयाबी पर गौरवान्वित है जो अपनी लेखनी से जिले का नाम रौशन कर रहे है। दिब्य की अबतक प्रकाशित पुस्तके- शर्तें लागू , मसाला चाय, मुसाफ़िर कैफ़े, अक्टूबर जंक्शन।