गाजीपुर: घाटों पर जगमगाए दीप, पानी में उतरी आकाश गंगा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर दीपावली के पंद्रवें दिन लहुरीकाशी के गंगा घाटों पर देव दीपावली का आयोजन किया गया। शहर से लेकर देहात तक गंगा किनारे भव्य दीपमाला सजाई गई। गंगा में दीपों की छटा और दीपदान से पानी में आकाश गंगा का नजारा दिखा। घाटों किनारे सांसकृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जल प्रकाश उत्सव के नजारा देखने दोपहर बाद ही घाटों की ओर बढ़ चला। हजारों कदम घाटों की ओर ऐसे बढ़ चले मानो मां गंगा की अनुपम और अनोखी छवि को लंबे समय के लिए लोग नजरों में कैद कर लेने को व्याकुल हों। सूर्य अस्त होते ही माटी के दीपों में तेल की धार बह चली और रुई की बाती तर होते ही प्रकाशित हो गई।
मंगलवार को देव दीपावली के पावन अवसर पर गोधूलि बेला के साथ ही एक-एक कर दीपों की अनगिन श्रृंखला पूर्णिमा के चांद की चांदनी को चुनौती दी। दीपों की अनगिन कतारों से घाटों की अर्धचंद्राकार श्रृंखला दिन ढलते ही नहा उठी और कलक्टर घाट पर आयोजन में शामिल उजाला मानो चंद्रहार में लॉकेट की भांति नदी के दूसरे छोर से प्रकाशित नजर आने लगा। नगर पालिका चेयरमैन सरिता अग्रवाल समेत अन्य गणमान्य लोगों ने गंगा आरती के साथ कार्यक्रम का आगाज किया। देव दीपावली भी धूमधाम से मनायी गयी। सुरक्षा के बीच हर घाट की अपनी विशेषता और पहचान को अलग तरीके से झांकियों के जरिए प्रस्तुत करने की कोशिश की गई। आकृतियां उकेर कर घाटों की रौनक से पर्व को उल्लासित किया।
आस्थावानों की अपार भीड़ ने गंगा की निर्मलता को नमन कर गंगा के प्रति अपार आस्था को ऊंचाइयां प्रदान कीं। घाट का नजारा देखते ही बन रहा था। हर तरफ दीप जग-मगा रहे थे। इसके अलावा पोस्ता घाट, ददरीघाट, स्टीमर घाट सहित कई प्रमुख घाटों पर सैकड़ों दीपक जलाकर देव दीपावली मनाई गयी। लोगों की ओर से मां गंगा की पूजा भी की गयी।
सजाई गई रंगोली
जनपद के सभी गंगा घाटों व मंदिर परिसर में जगमगाते दीपों की रंगोली सजाकर आर्कषक आकृतियां सजाई गयीं। इससे मंदिर व गंगा घाट अनोखी आभा से झिलमिला उठा। मंदिरों, गंगा किनारे घाटों, तालाबों आदि के किनारे दीपक जलाकर देवताओं की पूजा करते हैं। कलेक्टर घाट सहित जनपद के कई गंगा घाटों को काफी आकर्षक रूप से सजाया गया था। घाट पर बनायी गयी बड़ी-बड़ी रंगोलियों की आकृतियों पर हजारों दीप जलाकर घाट को प्रकाशमान बनाया। जुटी भीड़ ने रंगोलियों की सजी आकृतियों के अनुसार दीप जलाने में मशगूल रही। साथ ही गंगा में भी पत्तलों पर दीप-धूप जलाक माता का आशीर्वाद भक्तों ने लिया।
गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, सूर्य को दिया जल
कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार को प्रात:काल गंगा घाटों पर स्नानार्थियों की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने मंदिर के समीप स्थित देवालयों में पूजन-अर्चन कर मंगलमय होने की कामना की। गंगा स्नान के लिए मंगलवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। पॅ. सचिन तिवारी ने बताया जो पूरे कार्तिक मास गंगा स्नान नहीं कर पाता वो अगर आज कर लेता है ,तो सभी पापों का मोचन हो जाता है। आज ही के दिन महादेव ने त्रिपुरासुर नाम के असुर का वध किया था। इसके बाद देवताओं ने दीवाली मनाई थी।