गाजीपुर में 614 यात्रियों ने रद कराई टिकट
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर अयोध्या फैसले को लेकर जिले में यातयात पर असर पड़ा। गाजीपुर से दिल्ली, लखनऊ और मुंबई जाने वाले 614 यात्रियों ने टिकट रद कराए। सबसे पहले टिकटों का निरस्तीकरण लखनऊ और दिल्ली की ट्रेनों में शुरू हुआ। फैसले की सुगबुगाहट के बाद गाजीपुर से गुजरकर जाने वाली छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस में आधा सैकड़ा लोगों ने अपनी यात्रा टाल दी। रात को स्टेशन पर पहुंचकर कई लोग अपने घर वापस लौट गए।
बताया गया कि सुबह 10.30 बजे अयोध्या पर फैसला आएगा। इसके बाद गाजीपुर से दिल्ली, मुंबई और अन्य शहरों में जाने वालों के पैर ठिठक गए। फैसले के बाद माहौल की आशंका से घिरे लोगों ने अपनी यात्रा स्थगित कर दी। टिकट काउंटर पर टिकट खरीदने वालों से अधिक अपना रिजर्वेशन निरस्त कराने वालों की भीड़ लगी रही। सबसे पहले टिकट का कैंसिलेशन छपरा-लखनऊ में शुरू हुआ। कई यात्रियों को जब फैसला आने की जानकारी हुई तो उन्होंने यात्रा निरस्त कर दी। स्टेशन पहुंचकर ट्रेन के आने से पहले अपना टिकट रद कराने में लग गए। इसके बाद पवन एक्सप्रेस, सारनाथ एक्सप्रेस, समेत तमाम ट्रेनों में आरक्षित, अनारक्षित टिकटों का निरस्तीकरण हुआ। गाजीपुर सिटी स्टेशन के टिकट काउंटर के अनुसार शुक्रवार रात से शनिवार शाम तक 614 टिकटों का निरस्तीकरण किया। कई लोग टिकट कैंसिलेशन की कतार में लगे रहे और ट्रेन आ गई । इसके बाद बिना टिकट कैंसिलेशन के घर लौट गए। वाराणसी से दिल्ली मुंबई और सूरत की ट्रेनों से जाने वाले दर्जन भर यात्री रात में ही ट्रेन छोड़कर घर आ गई।
बस, टैक्सी सेवा पर भी असर, खाली रही बसें
आयोध्या फैसले का असर रेल, बस, हवाई, टैक्सी सेवा पर भी नजर आया। गाजीपुर के रेलवे स्टेशन, बस अड्डों पर आवागमन ना के बराबर दिखा। गाजीपुर से वाराणसी या पूर्वांचल के अन्य जिलों में जाने वालों की संख्या बहुत कम रही। बस स्टेशन कई बसें खाली दौड़ती दिखती रही। बसें बंद भी हो सकती हैं। टैक्सी, ऑटो, कैब सर्विस आदि का भी हाल भी बुरा ही रहा।
सुबह दस बजे गाजीपुर बस स्टैैंड पर 18 बसें खाली खडी थी। इनमें से 12 बसें गाजीपुर, जौनपुर और मऊ की ओर जानी थी। इसके अलावा 6 बसे गाजीपुर जिले के अपकंट्री इलाकें में जानी थी। सवारियों की कमी के चलते इन बसों को नहीं चलाया गया। काफी देर इंतजार के बावजूद बसों में चार यात्री भी नहीं जुट सके। आठ बजे के बाद 10.35 पर दूसरी बस वाराणसी के लिए रवानाकी गई। कुछ बसें खाली ही चक्कर भरती नजर आई और रास्ते की सवारियों के भरोेसे सफर तय किया।
वहीं दूसरी ओर रेलवे स्टेशन पर लोकल यात्रियों की संख्या कम दिखी। सुबह 11 बजे सारनाथ एक्सप्रेस के समय में सामान्य दिनों में भारी भीड़ उमड़ती थी लेकिन शनिवार को नजारा दीगर था। स्टेशन पर महज चुनिंदा यात्री मौजूद थे, इसमें से अधिकांश रायपुर या लंबे रूट पर जाने वाले थे।रिजर्वेशन के यात्री अधिक होने के चलते कुछ लोग थे।