गाजीपुर: श्रीराम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघन मिलन के मंचन को देखकर श्रद्धालुओं के आंखों में आए आंसू
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त कर राक्षसों का वध कर पृथ्वी को राक्षसों से विहीन कर दिया और अपने परिवार व हनुमान अंगद जामवन्त, सुग्रीव, तथा विभिषण के साथ कुबेर द्वारा दिये गये पुष्पक विमान से आकाश मार्ग द्वारा अयोध्या के लिए प्रस्थान करते है। थोड़़ी दूर आगे जाने पर महर्षि भारद्वाज मुनि के आश्रम पर ठहरते है। इसी दौरान अपने परम भक्त पवन पुत्र हनुमान के द्वारा अपने छोटे भाई अयोध्या नरेश महाराज भरत को अपने आने की सूचना देते है।
उधर महाराज भरत अपने बड़े भाई श्रीराम के चरणपादुको को चित्रकूट से लाकर अयोध्या के राज गद्दी पर रख कर उसके देखरेख में तपस्वी का वेश बनाए कुशासन पर समाधि लगाकर बैठे श्रीराम के आने की प्रतिक्षा करते है। और मन में सोचते है कि राम विरह सागर मह भरत मगन मन होत विप्र रूप धरि पवन सुत आय गयउ जिमि पोत इतने में हनुमान जी ब्राह्मण का वेष बना कर अयोध्या स्थित उनके राज्य में उपस्थित होते है और कहते है कि हे महाराज आपके बड़े भाई श्रीराम लंका से असुरो को मारते हुए पूरे परिवार के साथ अयोध्या के लिए प्रस्थान कर दिए हैं। वे थोड़ी दूर आगे चलकर भारद्वाज मुनि के आश्रम पर विश्राम कर रहे है।
उन्होने अपने आने की सूचना आप तक पहुचाने का आदेश दिया है। इतना सूनते ही भरत जी हनुमान जी से कहते है कि कोतुम्ह तात कहाते आये मोहि परम प्रिय वचन सुनाये इतना सूनते ही हनुमान जी ब्राह्मण वेश को त्याग कर उन्होने कहा महाराज मै श्रीराम का दूत पवन पुत्र हनुमान हूं उन्होने ही हमारे द्वारा आपतक आने की सूचना भेजवाया है जब भरत जी ने सूना कि बड़े भाई श्रीराम ने अपना दूत बनाकर हनुमान को भेजा है वे द्रवित हो जाते है और यह कहते है कि कपितव दरश सकल दुख बीते मिले आज मोहि राम पिरिते इतना कहते ही हनुमान को उठाकर अपने गले लगा लेते है। इसके बाद हनुमान जी भरत जी से विदा लेकर वापस राम के पास आ जाते है और भरत जी का पूरा समाचार कह सूनाते है।
उधर भरत जी अयोध्या वासियों तक श्रीराम के आने की सूचना दूतो द्वारा सूचना देते हुए पूरे अयोध्या को श्रीराम के आने की खुशी में ध्वज पताकाओ और तोरण के द्वारा भव्य सजावट करवाते है और गुरू वशिष्ठ को बुलवाकर श्रीराम से मिलने के लिए अयोध्या से भरतद्वाज मुनि के आश्रम के लिए प्रस्थान कर देते है। इसके बाद उनका रथ भारद्वाज मुनि के आश्रम के पूर्व रथ रूकवाकर पैदल ही श्रीराम का नाम लेते हुए दौड़ जाते है और उनके चरणो में लिपट जाते है श्रीराम ने भरत के आगाध प्रेम को देखते हुए उन्हे अपने गले से लगा लेते है।
चारो भाईयो का मिलन देखकर वहा उपस्थित जन समुदाय के नेत्रो से अश्रु धारा रोक न सके और भाव विभोर होकर हर-हर महादेव और चारो भाईयो के जयकारा से लीला स्थल गुज उठा सभी दर्शक नैना भिराम देखकर निहाल हो गये। अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी की ओर से भरत जी की शोभा यात्रा 9 अक्टूबर को सायं 8 बजें से हरिशंकरी स्थित राम चबुतरा से बाजे गाजे के साथ एवं जगह-जगह भजन कीर्तन करते हुए महाजन टोली झुन्नू लाल चैराहा, आम घाट, राजकीय महाविद्यालय, राजकीय बालिका इण्टर कालेज, महुआ बाग पर, पहाड़ खां पोखरा होते हुए सकलेनाबाद स्थित दुर्गा चौक आकर श्रीराम भरत मिलन रात 12 बजे सम्पन्न हुआ। इसके बाद चारो भाईयो का रथ श्रृगवेरपुर स्थित बाबा पहाड़ खां के पोखरा स्थित श्रीराम जानकी मंदिर में आकर समाप्त हुआ।
इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष दीनानाथ गुप्ता, उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह ,मंत्री ओ0पी0 तिवारी, उर्फ बच्चा, उपमंत्री लव कुमार त्रिवेदी, प्रबन्धक वीरेशराम वर्मा, स0 प्रबन्धक शिवपूजन तिवारी, (पहलवान), अभय कुमार अग्रवाल, अभिषेक पाण्डेय, योगेश कुमार वर्मा, डा0 सुरेश चन्द्र शर्मा, अजय पाठक, श्रवण कुमार गुप्ता, पं0 बाल गोविन्द दत्त त्रिवेदी उर्फ राजन भैया, राहुल वर्मा, उर्फ जेकी, रोहित कुमार अग्रवाल, राजकुमार शर्मा, कृष्ण बिहारी त्रिवेदी, कुशकुमार, अजय चतुर्वेदी विश्वम्भर नाथ गुप्ता उर्फ लल्ली आदि उपस्थित रहे। अति प्राचीन रामलीला कमेटी के महामंत्री बच्चा तिवारी ने बताया कि श्रीराम राज्याभिषेक का आयोजन 12 अक्टूबर शनिवार की रात्रि आठ बजे हरिशंकरी में होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमएलसी चंचल सिंह, नगरपालिका चेयरमैन सरिता अग्रवाल, कमेटी के संरक्षक जिलाधिकारी के बालाजी और सह संरक्षक पुलिस अधीक्षक डा. अरविंद चतुर्वेदी उपस्थित रहेंगे।