गाजीपुर: बारिश बंद होने के बाद भी गांवों व घरों में पानी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर हाल में पांच दिनों के बाद अब भले ही बारिश बंद हो गया हो लेकिन अब भी जल जमाव से तमाम क्षेत्रों के लोगों को जीवन नारकीय हो गया है। गांवों के प्रमुख मार्गों सहित जगह-जगह जलजमाव व कीचड़ व संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
बारा : रेवतीपुर मार्ग पर जगह-जगह सड़क के दोनों किनारे नाले का निर्माण कराया गया है, लेकिन निकासी नहीं बनाया गया। नतीजतन नाला भर कर जाम हो गया है। वहीं बारिश होने के बाद नाले का पानी मिलकर सड़क पर बदबूदार जलजमाव के चलते हालत बदतर हो गई है। गहमर : राजकीय बालिका इंटर कालेज, थाना परिसर, पशु अस्पताल भी जलमग्न हो गए हैं। सबसे खराब स्थिति रेलवे स्टेशन रोड, गहमर इंटर कालेज, कामाख्या महाविद्यालय, पोस्ट आफिस, दूरसंचार केन्द्र, थाना रोड़, टीबी रोड से पकड़ीतर बाजार मुख्य मार्ग, पूर्व सांसद विश्वनाथ गहमरी मार्ग, हनुमान चबूतरा से बिद बस्ती मार्ग की है।
यह सभी मार्ग तालाब में तब्दील हो गए हैं। गांव के 9, 10, 11 व 12 वार्डों में बारिश का पानी घर में घुस गया है। शादियाबाद : स्थानीय कस्बा में बना छलका पुल डूब गया है। वहीं बड़े पुल से जखनियां जाने वाली सड़क भी डूब गई है। नदी उस पार के बीसो गांव गोलवापर, गोड़ारी, सरायमनिकराज, बड़नपुर, मुस्तफाबाद, बैरंगपुर, चकमहताब, मोहद्दीपुर, मरदानपुर, बरइपारा, गुरैनी, इत्यादि गांव के लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरत के सामान के लिए शादियाबाद बाजार आते हैं। मरदह: मरदह गांव की राजभर बस्ती में सोमवार की देर शाम को कमलावती देवी पत्नी स्व सूर्यबली राजभर, चंदर राजभर पुत्र जगरनाथ, जयमूर्ति देवी पत्नी स्व. रामबृक्ष का कच्चा मकान गिर कर ध्वस्त हो गया। संयोग अच्छा था कि मकान में उस वक्त कोई नहीं था। घर गृहस्थी का सारा सामान मकान के मलबे में दबकर नष्ट हो गया। पूर्व ग्राम प्रधान जवाहर मद्धेशिया ने पीड़ितों की मदद की।
गांव व विद्यालय में बारिश का पानी जमा
मुहम्मदाबाद : बारिश बंद होने से लोगों को भले ही राहत मिली है लेकिन अभी दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। सोमवार की शाम को बारिश का पानी जकरौली, बढ़ईपुर सिवान से होकर रेलवे पुलिया होते करनपुरा गांव में गिरने लगा। देखते ही देखते पानी कई घरों में घुस गया, यही नहीं पानी प्राथमिक विद्यालय में जमा होकर कमरों में घुस गया। जल जमाव के चलते लोगों को पानी से होकर आवागमन करना पड़ा।