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गाजीपुर: गंगा से राहत, अब सहायक नदियों ने बढ़ाई मुश्किलें

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर गंगा भले ही खतरे के निशान के नीचे बह रही हों लेकिन अन्य सहायक नदियां उफान पर होने से लोगों की मुश्किलें बनी हुई हैं। बुधवार को सुबह एक सेंमी प्रति घंटे प्रति घंटे की रफ्तार से घट रही गंगा दोपहर बाद दो सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से घटने लगीं। तीसरे पहर तीन बजे तक गंगा का जलस्तर 62.860 मीटर रिकार्ड किया गया। वहीं बाढ़ के पानी के साथ गलियों में घुसा कीचड़ लोगों का आवागमन बाधित कर रहा है। उधर, सहायक नदियों के उफान पर रहने के कारण किसानों की सैकड़ों हेक्टेयर फसल पानी में डूबी हुई हैं। साथ ही संपर्क मार्ग पर पानी आने से आवागमन बाधित है।

सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजेश शर्मा ने बताया कि गंगा का जलस्तर मंगलवार से ही खतरे के निशान से नीचे बह रहा है। अब उसके घटने की गति तेज हो गई है। जंगीपुर : बारिश के बाद बेसो नदी में पानी ज्यादा होने के कारण क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ के चपेट में आ गए हैं। लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है। संपर्क मार्ग पर पानी आने से मिठ्ठापारा -देवकठियां मार्ग पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। सिकंदरा पुल पर भी पानी ऊपर से बह रहा है। वही हालत बघोल पुल की है। बाढ़ के चपेट में आने से करकापुर, हसनापुर, मिठ्ठापारा, तारनपुर, भंवरी, सरया सहित दर्जनों गांवों के लोगों की समस्याएं बढ़ गईं हैं। इसके अलावा खेतों में पानी आने से नाव के सहारे पशुओं को चारे की व्यवस्था की जा रही है।

एप्रोच मार्ग गिरने से धंसी सड़क
रेवतीपुर : बाढ़ के चलते स्थानीय गांव नगदिलपुर-गहमर सड़क पर पेट्रोल पंप के पास पुलिया का दोनों एप्रोच गिरने से सड़क का काफी हिस्सा धंस गया है। इससे छोटे वाहन तो किसी तरह से आवागमन हो रहा है लेकिन बड़े वाहनों का आवागमन मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से बनी है इसका निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए जिससे कि आवागमन सुचारु रूप से चालू हो सके । यह सड़क गहमर व कामाख्या धाम को भी जोड़ती है ।

मंगई नदी का कहर जारी
जखनियां : क्षेत्र के मंगई नदी का कहर अभी भी जारी है। आगापुर सानी गांव के मुसहर बस्ती में दर्जन भर गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। गांव के रामकरण वनवासी, कमलावती, कमलेश, सुभाष, राजेंद्र प्रताप समेत सभी के घर पानी से घिर गए हैं। ग्रामप्रधान दयाशंकर तिवारी व लेखपाल जगदीश सिंह द्वारा मां काली मंदिर व ब्रह्म बाबा के ऊंचे स्थान पर खाने पीने की व्यवस्था ग्रामीणों द्वारा की गई है। लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चितित हैं।

मार्ग डूबने से चल रही नाव
बारा : कर्मनाशा नदी के वेग में बुधवार को कमी आने से तटवर्ती गांव के लोगों ने राहत की सांस ली हालांकि अभी संकट टला नहीं है। निचले इलाकों के गांवों में पानी भरने से फसलें डूब गई हैं। भतौरा, राजमल बांध, सुरहां, देवल मार्ग पर पानी जमा है। बाढ़ के कारण हैंडपंप गंदा पानी उगल रहे हैं। बिहार राज्य से गुजरने वाली नदियों के पानी से कर्मनाशा पर दबाव बना हुआ है। भतौरा - गहमर मार्ग डूबने से नाव चल रही है। फसलों के डूबने से किसानों के समक्ष पशुओं के चारा का संकट खड़ा हो गया है। जयप्रकाश राय, संतोष राय, फिरोज खां, इरशाद खां, राजेश राय आदि किसानों ने बताया कि वे चाहकर भी पशुओं को चारा नहीं खिला पा रहे हैं। वहीं पानी से घिरे गांवों की दिनचर्या पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। उधर, पूर्व पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने कई गांवों का हाल जाना। प्रशासन से राहत सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की है।

राहत सामग्री का हुआ वितरण
जमानियां : सुबह भाजपा नेता परीक्षित सिंह और शकील खां ने बाढ़ प्रभावित गांव केशरूवा, जबुरना आदि गांव का जायजा लेकर राहत सामग्री का वितरण किया। इस दौरान रमाशंकर उपाध्याय, सुभाष, रामप्रवेश पांडेय, ओमप्रकाश श्रीवास्तव, ध्रुप कुमार, महफूज खां आदि थे। उधर, देवल अमौरा, अमौरा सुरहा, केशरूवा, जबुरना, करमहरी, सिहानी चित्रकोनी मार्ग पर पानी जमा है। तहसीलदार आलोक कुमार ने बताया कि कर्मनाशा का पानी मंगलवार की रात से घट रहा है। बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की जा रही है।

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