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गाजीपुर: लाखों से बनी पीएचसी, फिर भी नीम हकीमों का सहारा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था ग्रामीणों क्षेत्रों में किस कदर बेपटरी हो चुकी है यह कासिमाबाद ब्लाक के अलावलपुर अफगा गांव से सटे मुबारकपुरनेत गांव में दस वर्ष पूर्व स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को देखने से ही पता चल जाता है। लाखों रूपये खर्च करके बनी पीएचसी को आज तक संचालित ही नहीं किया गया। इसके चलते आस-पास के करीब 40 गांव के लोग जहां चिकित्सकीय सुविधाओं से वंचित है। वहीं उन्हें नीम हकीमों का सहारा लेने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की तंद्रा टूटने का नाम नहीं ले रही है। यही नहीं ऐसे कई गांव है जहां आज भी सीएचसी-पीएचसी के भवन तैयार होकर संचालित होने की बांट जोह रहे हैं।

वित्तीय वर्ष 2007-08 में लाखों रुपये से बने इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आज तक स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती ही नहीं हो सकी। जबकि यहां चिकित्सकों से लेकर कर्मियों के रहने तक की व्यवस्था है। बावजूद इसके संचालन को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कदम ही नहीं उठाया गया। ऐसी स्थिति में गांव के लोगों द्वारा जहां पीएचसी के भवन पर कब्जा कर लिया गया। वहीं पशुओं के लिए चरागाह बन चुका है। ग्रामीण मनीष राय, चंदन, महेंद्र यादव, राकेश कुमार, अजीत ने बताया कि करीब 40 गांव के लोगों को उपचार के लिए 14 किमी स्थित मुहम्मदाबाद सीएचसी व आठ किमी पर स्थित कासिमाबाद सीएचसी का सहारा लेना पड़ता है। सबसे अधिक दिक्कत का सामना तो गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों व गर्भवती महिलाओं को उठानी पड़ रही है। रात के समय तत्काल इलाज न मिल पाने की स्थिति में मरीजों की मौत भी हो जाती है। चेताया कि अगर समय रहते स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसका संचालन नहीं कराया गया तो ग्रामीण सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होंगे।

कासिमाबाद सीएचसी के अधीक्षक से इसकी जानकारी लेने के बाद अब तक अस्पताल क्यों नहीं संचालित हो पाई इसकी जांच कराकर जल्द ही चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी। - डा. केके वर्मा, प्रभारी सीएमओ।

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