गाजीपुर: मंत्र का पाठ करने वाला कभी नहीं होता है पराजित : भवानीनंदन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जखनियां मंत्र का पाठ करने वाला व्यक्ति कभी पराजित नहीं होता है। भगवान राम ने आदित्य हृदय मंत्र का पाठ करके सफलता पाई थी। मानव के अंदर अहंकार नहीं होना चाहिए। हर मानव के जीवन में चुनौती होती है उसे स्वीकार करना चाहिए। सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर चल रहे शारदीय महाशत चण्डी पाठ के छठवें दिन गुरुवार को महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति महाराज ने कहा कि लक्ष्मण को शक्ति वाण लगने पर भगवान राम भी रोए थे। भगवान राम ने कहा था कि आज मैं रो रहा हूं। भगवान मेरी रक्षा करें।
उन्होंने कहा कि गीता पुराण अप्रत्यक्ष रूप से भगवान है। कलयुग में गीता की पोथी में भगवान बसते हैं। गीता को तकिया के नीचे रखने पर डरावने सपने कभी नहीं दिखते हैं। बिना मंत्र के पढे़ कुछ भी नहीं होता है। पृथ्वी पर सभी ग्रह घूमते हैं परंतु सूर्य कभी नहीं घूमता जबकि उनके पास तो रथ है। इसी तरह बिना गुरु के आदेश से कुछ भी नहीं मिलता है।
आदित्य हृदय का पाठ करने से सभी प्रकार की सफलताएं मानव को मिलती हैं। इसका पाठ करने से भगवान राम ने हजारों वर्ष पूर्व रावण से विजय पाई थी। पूजा की सामग्री एक तंत्र है। मंत्र का अप्रत्यक्ष असर होता है। तंत्र में नारियल, चुनरी, पूजा सामग्री को बना कर पूजा करने से मानव जीवन में सफलता मिलती है। संघर्ष ही जीवन है। इससे घबराने की बात नहीं है। इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।