गाजीपुर: मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचा फर्जी शिक्षक का मामला
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर फर्जी अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई में जिला प्रशासन द्वारा किये जा रहे हिलाहवाली का प्रकरण अब सीएम योगी के दरबार में पहुंच गया है। शिकायतकर्ता पंकज राय पुत्र नागेंद्र राय निवासी सिकंदरपुर शहर कोतवाली गाजीपुर में मुख्यमंत्री को दिये गये प्रार्थना पत्र में आग्रह किया है कि फर्जी अंक पत्रों के आधार पर नियुक्त अध्यापक राजेश कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह जो वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय द्वितीय मलसा जमानियां में हेड मास्टर के पद पर नियुक्त हैं।
उनके खिलाफ जिलाधिकारी व कमिश्नर वाराणसी को पत्र दिया था जिसके क्रम में तत्कालीन जिलाधिकारी के बालाजी द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक के लेखा अधिकारी दीपक कुमार से मामले की जांच करावाई। रिपोर्ट के क्रम में बेसिक शिक्षाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कानूनी कार्रवाई की सहमति प्रदान करने के लिए कई बार डीएम के पास फाइल भेजी गयी थी। प्रार्थी द्वारा जिला बेसिक शिक्षाधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होने जवाब दिया कि पत्रावली जिलाधिकारी के पास भेज दी गयी है।
पंकज सिंह ने मुख्यमंत्री से मांग किया है कि जिला प्रशासन दबाव में आकर कार्रवाई करने से हिलाहवाली कर रहा है। उन्होने कहा कि इसी तरह 2007 से लेकर 2016 के बीच करीब एक हजार फर्जी अध्यापक जो दूसरे की सर्टीफिकेट स्केन कर नौकरी पा गये हैं। अपने राजनीतिक रसूख के चलते पूर्ववर्ती सरकर में इस जिले में नौकरी किये। भाजपा सरकार आते ही अधिकांश फर्जी शिक्षक दूसरे जिले में नौकरी ज्वाइन कर लिये।
इस पूरे प्रकरण की जांच तत्कालीन जिलाधिकारी प्रभु एएन सिंह व मुख्य विकास अधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने एक हजार फर्जी शिक्षकों की जांच किया था वह भी फाइल आज विकास भवन में धूल चाट रही है। कार्रवाई की आवाज उठने पर दस फर्जी अध्यापकों को बर्खास्त करके जेल भेजा गया था। फर्जी नियुक्ति में सपा सरकार के मंत्री से लेकर विधायकों तक का हाथ था। पंकज राय ने मुख्यमंत्री से मांग किया है कि इस फर्जीवाड़े की जांच किसी बड़े एजेंसी से करा कर दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करें।