गाजीपुर: मगई नदी का प्रवाह रोकने पर दर्ज होगा मुकदमा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर भांवरकोल मगई नदी का प्रवाह रोकने से हजारों किसान बर्बाद हो गए हैं। एसडीएम राजेश कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को फोर्स के साथ पहुंचकर जगह-जगह बनाए गए अवरोधक को हटवाया। देर शाम तक यह कार्य जारी रहा। एसडीएम ने चेताया कि दोबारा अवरोधक बनाने पर एफआइआर दर्ज कराया जाएगा।
क्षेत्र के दबंगों व मछुआरों ने जगह-जगह बांस-बल्ली व करकट की दीवार खड़ा कर मगई नदी का प्रवाह रोक दिया है। इससे सियाड़ी, सोनवानी, गोड़उर, बलियरियां, सरदरपुर, मसौनी सहित कई गांवों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। इसी माह में शुरू होने वाली रवि की खेती के अंतर्गत मसूर, मटर व चना की बोआई पिछड़ रही है। सियाड़ी, सरदरपुर व फतुलहां के ग्रामीण जलजमाव से परेशान हैं। इन गांवों के किसान खेती पिछड़ने को लेकर परेशान हैं। साथ ही जलजमाव के कारण मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है। पशुपालकों के सामने चारा का संकट हो गया है। इसके पहले बाढ़ आने पर कुछ दिनों बाद ही पानी मगई नदी में गिरकर निकल जाता था। इससे खेती करने में सहूलियत रहती थी। ऐसा जलजमाव पहली बार हुआ है। मगई नदी में मछली पकड़ने के लिए लगभग एक दर्जन स्थानों पर करकट व बांस के सहारे पानी रोक दिया गया है। पानी का बहाव रुकने से फसल बर्बाद हो गई है। गांव में भी पानी घुस गया है। बीते गुरुवार को भी किसानों के धरना-प्रदर्शन के बाद एसडीएम ने अवरोधक हटवाया था।
हजारों रुपये खर्च कर बनाए गए हैं अवरोधक
करीमुद्दीनपुर : मगई नदी के पानी निकासी को लेकर किसानों व मछुआरों के बीच का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मछुआरों ने एक जाल लगाने में 30 से 70 हजार रुपए खर्च किया है। पानी की धारा रोकने के लिए लगे जाल को बनाने के लिए बक्सर से मछुआरों को बुलाया गया था। मछली मारने में प्रतिदिन 50 से 60 हजार रुपए की आमदनी होती है। यहां से मछली मऊ सहित अन्य जिलों में भेजी जाती है। महेंद से शुरू होकर बलिया जिले के दौलतपुर तक 10-12 स्थानों पर अवरोध किया गया है। किसानों के नुकसान व विरोध के बाद प्रशासन अवरोध हटवाने में लगा है। अगर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो यह मामला घटना का कारण बन सकता है।