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गाजीपुर: अफजाल सहित नौ के खिलाफ वारंट, सूची में बहनोई एजाजुल भी शामिल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी सहित नौ लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। स्पेशल कोर्ट (एमपीएमएलए) प्रयागराज की ओर से बुधवार को जारी उस वारंट में सभी अभियुक्तों को सात नवंबर को पेश करने का आदेश है।

मामला करीब 18 साल पहले का है। तब प्रदेश में भाजपा के राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री थे और सांसद अफजाल अंसारी सपा के विधायक थे। सपा ने साल 2001 में तत्कालीन राजनाथ सिंह सरकार को जनविरोधी करार देते हुए अगस्त क्रांति दिवस पर नौ अगस्त को प्रदेश भर के तहसील मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन का आह्वान किया था। उसी क्रम में अफजाल अंसारी की अगुवाई में मुहम्मदाबाद तहसील मुख्यालय पर सपाजन पहुंचे थे। अति उत्साही कार्यकर्ताओं के चलते वह धरना-प्रदर्शन उग्र रूप ले लिया था। उन कार्यकर्ताओं ने एसडीएम ऑफिस में घुस कर तोड़फोड़ की थी और वहां का कामकाज पूरी तरह ठप कर दिया था। उस पूरे मामले की एफआईआर मुहम्मदाबाद कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। उसमें अफजाल के अलावा उनके बहनोई नगर पालिका मुहम्मदाबाद के पूर्व चेयरमैन एजाजुलहक अंसारी के अलावा भांवरकोल के पूर्व ब्लाक प्रमुख शारदानंद राय लुटुर, अफजाल अंसारी के प्रवक्ता शंभू सिंह अकेला, बहादुरगंज नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन रेयाज अंसारी सहित कुल नौ लोग नामजद किए गए थे।

अफजाल अंसारी के प्रवक्ता शंभू सिंह अकेला ने गिरफ्तारी वारंट की खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि सांसद अफजाल अंसारी और उनके लोग कोर्ट का पूरा सम्मान करते हैं। दरअसल गफलत में इसकी नौबत आई है। वह मामला बिल्कुल सियासी था और साल 2013 में प्रदेश की सपा सरकार ऐसे सभी मामले वापस ले ली थी। उसके बाद वह लोग भी उधर से इत्मीनान में हो गए थे, लेकिन बाद में हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर सपा सरकार की उस कार्यवाही पर रोक लगा दी। उसके बाद उसकी सुनवाई स्पेशल कोर्ट (एमपीएमएलए) में शुरू हो गई। इस बात से वह लोग पूरी तरह अनभिज्ञ रहे। अब जबकि वह कोर्ट वारंट जारी की है तो सभी लोग नीयत तारीख पर वहां जरूर पेश होंगे।

पप्पू यादव के समर्थकों पर भी वारंट
बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के 115 समर्थकों के खिलाफ भी स्पेशल कोर्ट एमपीएमएलए प्रयागराज ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। उस मामले में पप्पू यादव सहित 12 लोग पहले ही अपनी जमानत करा चुके हैं। यह मामला भी गाजीपुर से ही जुड़ा है। घटना 26 साल पूर्व आठ नवंबर 1993 की है। आरोप है कि पूर्व सांसद पप्पू यादव और पूर्व विधायक उमेश पासवान सहित सैकड़ों लोग 19 गाड़ियों का काफिला लेकर विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी करने गाजीपुर आए थे। 

सूचना पर पुलिस ने काफिला रोक कर हर गाड़ी की तलाशी ली थी। तलाशी में उन लोगों के पास से असलहे बरामद हुए थे। उस मामले में मुहम्मदाबाद कोतवाली में मामला दर्ज हुआ था। तब गाजीपुर के पुलिस कप्तान चर्चित आईपीएस अफसर अरुण कुमार थे। पप्पू यादव सहित सभी 127 लोगों को गाजीपुर जेल में जाना पड़ा था। अब यह मामला स्पेशल कोर्ट में चल रहा है। जहां मामले की अगली सुनवाई की तारीख 13 नवंबर मुुकर्रर है।
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