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गाजीपुर: केवट राम रजायसु पावा, पानी कठौता भरि लै आवा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर, अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी के तत्वावधान में लीला के छठवें दिन सोमवार को स्थानीय पहाड़ खां के पोखरे के दक्षिण तरफ केवट राम संवाद, घरनैल द्वारा सुरसरि पार जाने से संबंधित लीला का मंचन किया गया। वनवास काल के दौरान निषादराज से भेंट करने के बाद गंगा पार जाने के लिए श्रीराम के आदेशानुसार निषादराज नदी के तट पर केवट को आवाज देते हैं। निषादराज केवट केवट के आने पर श्रीराम का परिचय करवाते हैं। श्रीराम केवट से गंगा पार जाने के लिए नाव मांगते हैं,वह कहता है कि 'हे नाथ अपने नाव को किनारे तभी लाऊंगा जब आप अपने पैरों को धुलाएंगे क्योंकि मैंने सुना है कि गौतम ऋषि के श्राप से ऋषि पत्नी शिला बन गईं उनको आपने अपने कोमल पैर से स्पर्श कर दिया तो गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या पुन: नारी के रूप में परिवर्तित हो गयीं। 

हे प्रभु, जब मैं आपका पैर धुलकर चरणामृत ग्रहण नहीं कर लूंगा तब तक मैं आपको अपने नाव पर बैठा नहीं सकता क्योंकि मुझे ऐसा महसूस होता है कि आपके चरणों में जादू है। इसलिए मैं आपके दोनों चरणों को धुल कर ही नाव में बैठा करके गंगा पार उतारूंगा'। केवट के भक्तियुक्त बातों को सुनकर प्रभु श्रीराम कहते हैं कि 'केवट राम रजायसु पावा, पानी कठौता भरि लै आवा' श्रीराम ने कहा कि हे केवट जैसा चाहो तुम वैसा ही करो और मुझे जल्द से जल्द गंगा पार उतार दो। श्रीराम के आज्ञा पाते ही केवट अपने घर से कठौता मंगवाकर उसमें गंगा जल भरके प्रभु श्रीराम के कोमल चरणों को बड़े आनंद के साथ मल-मल कर धोता है और उनका चरणामृत ग्रहण करने के बाद श्रीराम लक्ष्मण सीता को गंगा पार उतार देते हैं। 

प्रभु श्रीराम सुरसरी पार उतर कर केवट को नाव उतराई देते हैं। केवट ने श्रीराम से कहा कि हे नाथ, हमें नाव उतराई की आवश्यकता नहीं है। मैंने आपको छोटी सी नदी से पार किया। जब मैं अपने आयु को पूरी करके आपके धाम आऊंगा तो आप हमें भव सागर से पार कर दीजियेगा। इस मौके पर नगर तथा आसपास के ग्रामीण अंचलों से दर्शनार्थी लीला देखने आये थे। इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष दीनानाथ गुप्ता, मंत्री ओपी तिवारी, उर्फ बच्चा, उपमंत्री लव कुमार त्रिवेदी, प्रबंधक वीरेश राम वर्मा, सहायक प्रबंधक शिवपूजन तिवारी, (पहलवान) कोषाध्यक्ष अभय अग्रवाल, योगेश कुमार वर्मा एडवोकेट, कृष्णांश त्रिवेदी, श्रवण कुमार गुप्ता, राजकुमार शर्मा, राम सिंह यादव, कृष्ण बिहारी त्रिवेदी, कुश कुमार, अजय चतुर्वेदी आदि उपस्थित रहे।

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