गाजीपुर: जंगीपुर के दारोगा की गुंडई! भाजपा समर्थक लकड़ी विक्रेता का तोड़ दिया हाथ
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर एक ओर योगी सरकार का पुलिस की छवि सुधारने पर जोर है। दूसरी ओर गाजीपुर की पुलिस है कि आमजन संग अपना बर्बर चेहरा पेश कर सरकार की छवि बिगाड़ने पर आमादा है। यहां तक कि उसकी बर्बरता का शिकार सरकारी पार्टी भाजपा के लोग भी हो रहे हैं। ऐसा ही एक वाकया जंगीपुर पुलिस का सामने आया है। तुर्रा यह कि पुलिस के बीच के अधिकारी इस मामले में लीपापोती करने में जुट गए हैं। जंगीपुर पुलिस की बर्बरता के शिकार जयंतीदासपुर (नवापुर) के अधेड़ शिव प्रसाद हुए हैं। वह अपने बाएं हाथ की हड्डी तोड़वा चुके हैं। शिव प्रसाद भाजपा समर्थक हैं।
मामला यह है कि शिव प्रसाद की एक भूखंड को लेकर अपने पटीदार से विवाद है। पटीदार परिवार से जुड़ी एक महिला की बकरी उस भूखंड में चली गई। शिव प्रसाद ने उसे भगाने के लिए डंडा चलाया। दुर्भाग्य से बकरी मर गई। उसकी शिकायत के बाद ही एसआई महोदय ने अपनी गुंडई दिखाई। व्यथा सुनाते हुए शिव प्रसाद ने बताया कि दशहरा पर्व के दिन मंगलवार की शाम वह अपनी लकड़ी की दुकान पर बैठे थे। उसी बीच जंगीपुर थाने के एसआई केपी सिंह पहुंचे और अकारण गालियां देने लगे। जब उन्होंने आपत्ति की तो केपी सिंह एकदम से उखड़ गए। डंडा लेकर उन पर पिल पड़े। जाते वक्त वह धमकी दे गए कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। पुलिस कप्तान भी उनसे पूछ कर ही काम करते हैं। शिव प्रसाद बुधवार को भाजयुमो के पूर्व प्रदेश मंत्री योगेश सिंह के साथ पुलिस कप्तान के दफ्तर में पहुंचे। बकौल योगेश सिंह, संयोग से तब पुलिस कप्तान डॉ.अरविंद चतुर्वेदी दफ्तर में नहीं थे। तब योगेश सिंह ने उन्हें फोन लगाया। उन्होंने अपने आने का कारण बताया। पुलिस कप्तान ने शिकायती पत्र दफ्तर के स्टाफ को देने को कहा और आश्वस्त किया कि इस मामले की जांच वह एएसपी सिटी से कराएंगे।
योगेश सिंह ने बताया कि पुलिस कप्तान के कहे के मुताबिक शिव प्रसाद का शिकायती पत्र उनके दफ्तर के स्टाफ को रिसीव करवा दिया गया। योगेश सिंह के मुताबिक इस मामले में पुलिस के नीचे के अधिकारी दोषी जंगीपुर एसआई को बचाने में जुट गए हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण उनके विरोधाभासी बयान हैं। इस बाबत उन्होंने सबसे पहले एसएचओ जंगीपुर से शिकायत की। एसएचओ ने छुटते कहा कि एसआई केपी सिंह की ड्यूटी वह खुद दशहरा मेला में लगाए थे।
घटना का जो वक्ंत बताया जा रहा है, उस वक्त केपी सिंह अपनी ड्यूटी वाले स्थल पर थे। उधर एएसपी सिटी ने बताया कि एसआई केपी सिंह शिव प्रसाद की दुकान पर पहुंचे तो वह उन्हें देख कर भागने लगे। उसी हड़बड़ी में वह गिर पड़े और उनका हाथ टूट गया। योगेश सिंह ने चेतावनी दी कि इस मामले में दोषी एसआई के खिलाफ कार्रवाई होने तक वह चुप नहीं बैठेंगे। यह पार्टी समर्थक के साथ अन्याय का मामला है और इसमें एसआई की सरासर गुंडई है। अव्वल तो पुलिस को विवेचना कर यह साफ करना चाहिए था कि पीड़ित शिव प्रसाद बकरी की मौत के जिम्मेदार हैं या नहीं। अगर वह दोषी होंगे भी तो एसआई उन्हें बर्बर सजा देने के हकदार नहीं हैं।