गाजीपुर: 16 दिन बाद लाल निशान के नीचे पहुंची गंगा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर गंगा का जलस्तर तेजी से घट रहा है, वहीं अन्य सहायक नदियां उफान पर आ गई हैं। बीते 15 सितंबर से लाल निशान से ऊपर बह रही गंगा 16 दिन बाद एक अक्टूबर को तीन सेंमी नीचे पहुंच गईं। एक सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से घट रहा गंगा का जलस्तर मंगलवार की शाम छह बजे 63.080 मीटर रिकार्ड किया गया, जबकि खतरे का निशान 63.105 है। इससे लोगों ने राहत की सांस तो ली हैं, लेकिन सहायक नदियों के ऊफान पर आने से संबंधित क्षेत्रों में दुश्वारियां बढ़ गईं हैं। जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिकता पर प्रभावित गांवों में राहत सामग्री वितरित करने के साथ ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
सैदपुर : गांगी नदी का बाढ़ स्थिर होने से किसानों ने राहत की सांस ली है। पानी पूरे क्षेत्र में फैलने से बड़िहारी, पिपनार, परसनी, हीरानंदपुर, ककरहीं, भीमापार, अमुवारा, उचौरी आदि गांवों में सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गए हैं। ककरहीं गांव में दो महाविद्यालय बंद पड़ा है। इसके अलावा मलिकपुर प्राथमिक विद्यालय भी प्रभावित है। बड़िहारी गांव में आफताब खां का करीब दस, पारस यादव व मंजूर का छह-छह, कारून का 12, अजीत श्रीवास्तव आठ, कमलेश यादव का आठ बीघा आदि धान व बाजरे की फसल जलमग्न हो गए हैं। शादियाबाद: बेसो नदी के रौद्र रूप ने बहुत से परिवारों को सड़क पर ला दिया है। स्थानीय कस्बा स्थित जवाहरलाल नेहरू इंटर कालेज पर मंगलवार को एसडीएम जखनियां अभय कुमार मिश्रा व सीओ भुड़कुड़ा महिपाल पाठक ने बाढ़ पीड़ित 60 परिवारों को राहत सामग्री वितरित किया। थाना प्रभारी किशोर कुमार चौबे, ग्रामप्रधान खरबू चौहान, पूर्व प्रधान श्यामनारायण चौहान, बबलू चौहान, कस्बा कोईरी के ग्रामप्रधान गौरीशंकर, लेखपाल लालचंद कन्नौजिया आदि थे।
कर्मनाशा की चपेट में आए दर्जनों गांव
बारा : कर्मनाशा नदी एक बार फिर से अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है। सेवराईं तहसील क्षेत्र के कुतुबपुर, मगरखाई, भतौरा, सायर, मनिहर, सुरहां आदि गांव इसकी चपेट में है। अब तक हजारों बीघे धान, अरहर और सब्जी की फसलबर्बाद हो चुकी हैं। कर्मनाशा से जुड़े मूसाखांड़ बांध में पानी खतरे के निशान को छूकर 357 फीट तक पहुंच गया है।जलस्तर मेंटेन करने बांध के दो फाटक खोले गए हैं।
घट रही उदंती नदी
बहरियाबाद: उदंती नदी के तांडव से तटवर्ती गांवों के रिहायशी इलाकों में भरा पानी अब घटने लगा है। बावजूद उसके लोगों की दुश्वारियां कम नहीं हो रही है। अभी भी रिहायशी इलाकों में पानी भरा हुआ है। यही हाल चौरहापार से पूरब नहर से प्रभावित गांवों का भी है। फौलादपुर, चौरहापार, उकरांव, ऊनरापार आदि गांवों से पलायन किए लोग अभी भी दूसरों के यहां शरण लेने को विवश है।
पुलिया धंसने से आवागमन बंद
सादात मार्ग से चौरहापार आने वाला तथा चौरहापार से कादीपुर जाने वाला मार्ग अभी भी पूरी तरह से जलमग्न है। बहरियाबाद पानी टंकी त्रिमुहानी से परमानपुर (आजमगढ़) मार्ग पर मलिकनगांव में सड़क काटने से एवं बहरियाबाद-सादात मार्ग पर स्थित पुलिया के दोनों तरफ सड़क के धंस जाने से बड़े वाहनों का आवागमन बंद है। अभी तक प्रभावित लोगों से किसी सरकारी अमला व जनप्रतिनिधियों के न मिलने से लोगों में नाराजगी है।
नाव के सहारे हो रहा गमनागन
जमानियां : कर्मनाशा नदी में उफान से केशरूवा मार्ग पर पानी ऊपर से बह रहा है। नाव के सहारे ग्रामीण आवागमन करने रहे हैं। सुरहा गांव के संपर्क मार्ग पर पानी चढ़ गया है। अमौरा और सुरहा को जोड़ने वाले मार्ग पर बनी पुलिया के एप्रोच मार्ग बह जाने से दोनों गांवों का संपर्क टूट गया है। केशरूवा और जबुरना गांव पानी से चारों तरफ से घिर गए हैं। इसके अलावा कर्मनाशा के धनाढी, ताजपुर कुर्रा, खजूरी, चित्रकोनी, सिहानी, देवैथा, करमहरी, धुस्का, गायघाट, देहुड़ी आदि गांव में पानी घुसने से ग्रामीण पशुओं को लेकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने लगे हैं। इधर पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह तथा उपजिलाधिकारी रमेश मौर्य ने कर्मनाशा के तटवर्ती गांवों का जायजा लिया।