गाजीपुर: दीपों का पर्व दीपावली आज, रोशन होगा घर-द्वार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में दीयों का पर्व दीपावली रविवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। घरों एवं प्रतिष्ठानों की सफाई के साथ उनकी रंगाई-पोताई का काम पूरा हो चुका है। आवासों के मुख्य द्वार पर रंगोली अपनी छटा बिखेर रही है। पर्व के मौके पर शुभ मुहूर्त में गणेश-लक्ष्मी की पूजा का आयोजन किया जाएगा। दीवाली के त्योहार पर रोशनी का अलग ही महत्व है। रोशनी के लिए पारंपरिक तरीकों में दीयों को सबसे ज्यादा तवज्जो दी जाती है। बच्चे पटाखा जलाने को लेकर काफी उत्साहित दिख रहे हैं।
जिले में दीपावली को लेकर लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है। पर्व को लेकर घरों की विशेष साज-सज्जा की गयी है। घरों को दीयों के साथ बिजली की झालरों से सजाया गया है जो शाम होते ही झिलमिला उठे। सभी ने घरों में धन की देवी लक्ष्मी एवं विघ्नहर्ता गणेश की पूजा की तैयारियां कर रखी हैं। पूजा में बड़ों के साथ बच्चे भी खूब सहयोग कर रहे हैं। पर्व को लेकर बच्चों में खासा उत्साह दिख रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में घरों में लिपाई-पोताई की गयी है। चीनी की घरिया, लाई, चूड़ा आदि की खरीदारी की गई है। उधर बचे हुए सामानों की खरीदारी को लेकर बाजार में जाम की स्थित बनी रही। लोग पूरे दिन खरीदारी में लगे रहे। सबसे अधिक भीड़ देर रात तक लंका मैदान में पटाखों की खरीदारी को लेकर रही।
पटाखा की खरीदारी को लेकर बच्चे काफी उत्साहित दिखे। उन्होंने रोशनी के साथ ही आवाज वाले पटाखों की भी खरीदारी की। हालांकि बाजार में तेज आवाज वाले पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध होने के कारण थोड़ा मायूस जरूर दिखे लेकिन बाजार में बिक रहे पटाखों से ही काम चला रहे हैं। जमानियां : स्टेशन और कस्बा बाजार सहित दिलदारनगर बाजार में भी चहल-पहल बनी रही। लोग वंदनवार, कृत्रिम फूल-माला, पूजन सामाग्री आदि की भी खरीदारी की। पटाखा महंगे होने के कारण लोग मोलभाव करते नजर आए। लेकिन पटाखा खरीदने में किसी तरह की कोई कंजूसी नहीं की। खानपुर : थानाध्यक्ष जितेंद दुबे ने पुलिस कप्तान निर्देश पांच सौ मिट्टी के दीये खरीदे जिससे थाना परिसर को सजाया जाएगा।
शुभ मुहूर्त में करें पूजा कटैला के ज्योतिषाचार्य अनुज पांडेय शास्त्री ने बताया कि दोपहर बारह बजकर 23 मिनट से अमावस्या लग जा रही है। शाम को मां लक्ष्मी एवं विघ्नहर्ता गणेश की पूजा का समय पांच बजकर 36 मिनट से शुरू होकर रात आठ बजकर 12 मिनट तक रहेगा।
पटाखों से बच्चों को रखें दूर
जिला अस्पताल के एसीएमओ डा. आरके सिन्हा ने बताया कि अव्वल तो बच्चों को पटाखों से दूर रखें। इसके अलावा जहां पर भी लोग पटाखा छुड़ा रहे हैं वहां पर बाल्टी में पानी और एक मग जरूर रखें। अगर पटाखा छ़ुड़ाते समय जल जाते हैं तो जले हिस्सों को पानी में डुबों दें और तब तक डुबोएं रखें जब तक जलन कम न हो जाए। साथ ही बच्चे पटाखा छुड़ाते समय ढीले कपड़े न पहनें जिससे आग पकड़ने का खतरा रहता है। बताया कि जले हिस्से को पानी में डूबोने के बाद आराम नहीं मिल रहा है तो तत्काल नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें।
पटाखे जलाते समय बरतें यह सावधानी
- खुले मैदान में ही पटाखे जलाएं।
- राकेट हमेशा उपर की ओर ही छोड़ें।
- पटाखे जलाते समय सूती कपड़े ही पहनने चाहिए।
- पटाखे जलाने के दौरान पानी के साथ ही बालू-मिट्टी का इंतजाम करें।
- पटाखों में आग दूर से ही लगाएं।
- चिगारियां छोड़ने वाले पटाखों के पास नहीं जाएं।
- पटाखें जलाते समय जूते पहने।
- जो पटाखा न फूटे उस पर पानी या मिट्टी डाल दें।
- छोटे बच्चों व बुजुर्गो का भी ख्याल रखें।
- अभिभावक पटाखे जलाते समय बच्चों पर नजर रखें।
- पटाखे छोटे बच्चो कि पहुच से दूर रखें।
- बच्चे पटाखे हाथ में रखकर न फोड़ें और न ही पटाखे जलाकर किसी के ऊपर फेंक दें।
- पटाखे जेब में रख कर न घूमें।