गाजीपुर: आसान नहीं है गाजीपुर जिले की सड़कों से गुजरना
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर जिले की अतिमहत्वपूर्ण सड़कों की दशा काफी खराब है। लंबे समय से सड़कें उधड़ी हुई हैं। सड़कों के टूटने से इन पर जगह-जगह जानलेवा गड्ढ़ा बन चुका है। बरसात हो जाने के बाद इन दिनों गढ्ढों में पानी भर गया है। जिसके चलते इन सड़कों पर यात्रा करना जान जोखिम में डालना है।
आलम यह है कि थोड़ी दूरी तय करने में लोगों को घंटों समय बर्बाद करना पड़ता है। सबकुछ जानते हुए भी इसके निर्माण को लेकर कोई पहल नहीं की जाती। अफसर और जनप्रतिनिधि भी पूरी तरह खामोश हैं। जनपद की भौगोलिक स्थिति के हिसाब से गमनानगन के लिए यह सड़कें काफी महत्वपूर्ण है। यहां से हो कर गुजरने वाली तमाम सड़कें लोगों को मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर आदि जिलों के साथ ही बिहार के छपरा और सिवान को जोड़ती है। राहगीर और वाहन स्वामी सड़क की मरम्मत की मांग सालों से करते आ रहे हैं, लेकिन इन सड़कों पर कभी किसी का ध्यान तक नहीं जाता। इनमें से कई सड़कें तो ऐसी हैं, जिनके मरम्मत और निर्माण के नाम पर विभाग लाखों का खेल भी कर चुका है। कई क्षेत्रों की नई सड़कें खराब हो गई है। सियाड़ी, लट्ठूडीह, करीमुद्दीनपुर, कोटवां आदि मुख्य मार्गो के साथ पातेपुर संपर्क मार्ग पर केवल कंकड़ और गढ्ढे ही दिखाई देते हैं। मुहम्मदाबाद, मरदह, महाहरधाम, बलिया मार्ग, शादियाबाद के साथ ही शहर के आलमपट्टी की सड़क पर चलना भी दुश्वार हो गया है। जानकारी के बाद भी जनप्रतिनिधि पहले तो आश्वासन दिए फिर बाद में चुप्पी साध लिए।
नाली न बनने से सड़क पर बहता है गंदा पानी
ताजपुरडेहमा। मुख्य मार्ग से ताजपुर डेहमा रेलवे स्टेशन पर जाने वाले वाली महत्वपूर्ण सड़क पर गंदे नाली का पानी बह रहा है। सड़क तो बन गया मगर किनारे से नाली नहीं बनी है। सड़क पर जगह- जगह पानी इकट्ठा हो गया है, जिससे स्टेशन पर आने- जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं, बुजुर्गो तथा बच्चों को हो रही है।
बस स्टैंड-गाजीपुर मार्ग गड्ढ़े में तब्दील
मुहम्मदाबाद। बस स्टैंड से गाजीपुर मार्ग पर करीब एक किलोमीटर तक वकीलबाड़ी, अग्रसेन चौराहा, डिग्री कालेज चौराहा तक सड़क पर गढ्ढे ही गढ्ढे है। पानी भर जाने के कारण इन पर वाहन सवार लगातार गिरते-पड़ते रहते है। यह सड़क लोक निर्माण विभाग के जिम्मे आती है और कई साल से इसकी मरम्मत नहीं हुई। कभी-कभी पिचिंग कर छोड़ दिया जाता है जो एक माह भी नहीं चलता। इसी प्रकार बलिया मार्ग पर सलेमपुर चौराहे के पास, आगे हाटा पुल के पहले तथा आगे रघुबरगंज के पास सड़क पर पानी भरे गढ्ढों में चलना काफी दुश्कर कार्य हो गया है। लगातार मांग के बावजूद इन सड़कों की मरम्मत नहीं होती।
महाहर मार्ग: तीन किमी तक पैदल चलना भी दूभर
मरदह। क्षेत्र के प्रमुख महाहर मार्ग की दशा अति दयनीय है। करीब तीन किलो मीटर लंबे इस मार्ग पर सिर्फ गड्ढे ही दिखाई दे रहे हैं। वाहनों से तो दूर इस पर पैदल चलने में भी लोग गिरते- पड़ते रहते हैं। सावन भर इस मार्ग से बड़ी संख्या में कांवरिए और श्रद्धालु पैदल चलकर महादेव मंदिर तक पहुंचते हैँ, लेकिन खराब सड़क की वजह से उनकी परेशानियां काफी बढ़ गई हैं। कभी-कभी इस मार्ग की हल्की -फुल्की मरम्मत तो कर दी जाती है। लेकिन वह टिकाऊ नहीं होता। पानी भर जाने के कारण यह मार्ग काफी खतरनाक हो गया है। इस सड़क से करीब आधा दर्जन गांव जुड़े हुए है। मरदह ब्लाक के रानीपुर राजकीय पम्पसेट से तिलाङी गांव को जाने वाली तीन किलो मीटर तक की सङक पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। इस सङक से दर्जनों गांव जुड़े हुए है। चौराबोझ गांव के सामने से महमूदपुर गांव में जाने वाली सङक जो पांच वर्ष पूर्व क्षेत्रिय विधायक स्व.कैलाश यादव के निधि से निर्माण कार्य शुरू हुआ आज तक गिट्टी बिछाकर छोड़ दिया गया है।
नवोदय विद्यालय जाने के लिए झेलते हैँ दुश्वारियां
शहर के पुलिस लाइन से नवोदय विद्यालय तक जाने वाले छात्रों और राहगीरों को सड़क पर दुश्वारियां झेलनी पड़ती है। करीब 200 मीटर की इस सड़क पर स्कूली बच्चों के साथ आए दिन दुर्घटना होती रहती है। खास बात यह है कि इस सड़क से आए दिन बड़े -बड़े अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी आते -जाते रहते हैं। आश्वासन तो सब देते है लेकिन इसकी दशा सुधारने में कोई पहल नहीं करता। शहर के दूसरे छोर आलमपट्टी चौराहे के पास सबसे खतरनाक स्थिति हो गई है। यहां से शहर की ओर जाने वाली, जमानिया रोड में मिलने वाली तथा एमएएच स्कूल की तरफ आने वाली सभी सड़कें गढ्ढा युक्त बनी हुई है। इन पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी अति कष्ट कारी है। इसी प्रकार प्रकाशनगर से भुतहियाटाड़ होते हुए हंसराजपुर रोड पर बवेड़ी के पास सड़क की दशा बेहद खराब है। इस पर रोजाना लोग गिरते पड़ते है।