गाजीपुर: वाहनों की अपेक्षा सड़कों की जांच व जुर्माना शून्य
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए संशोधन के बाद यातायात पुलिस सहित एआरटीओ द्वारा चेकिग अभियान चलाकर धड़ाधड़ जुर्माना वसूला जा रहा है, लेकिन इसके अपेक्षा मानकविहीन सड़कों की जांच के बाद जुर्माना लगभग शून्य के बराबर है। जिले की एकाध सड़कों को छोड़ दिया जाए तो जिला सहित लखनऊ से आई टीम को भी जांच में सबकुछ मानक के अनुसार ठीकठाक मिलता है। जबकि जिले की बहुत सी सड़कों की स्थिति यह है कि उस पर वाहन दौड़ाना तो दूर पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है।
एक आंकड़े के अनुसार जिले में एआरटीओ प्रवर्तन व यातायात पुलिस द्वारा करीब चार हजार वाहनों के खिलाफ प्रतिमाह कार्रवाई की जाती है। यातायात पुलिस द्वारा बीते जुलाई माह में 599 वाहनों से तीन लाख 65 हजार रुपये जुर्माना वसूल किया गया और 2671 वाहनों का चालान हुआ। इधर एआरटीओ प्रवर्तन की ओर से करीब 500 वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अधिकारियों का कहना है कि जुर्माना राशि बढ़ेगी तो सड़क सुरक्षा के प्रति लोग स्वयं सतर्क रहेंगे और नियमों का पालन करेंगे। अब सवाल यह है कि आम लोगों से प्रत्येक माह इतना भारी भरकम जुर्माना तो वसूल किया जा रहा है, लेकिन जो सड़कों के निर्माण व उसके डिजाइन में ही नियमों का पालन नहीं करते हैं और मानक विहीन सड़क बनाकर करोड़ों-करोड़ों रुपये हजम कर जाते हैं, क्या इनके खिलाफ जांच नहीं होनी चाहिए। जांच में खामियां मिलने पर इनसे भी एमवी एक्ट की तरह दस गुना अधिक जुर्माना वसूल किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा दिख नहीं रहा है।
सड़कों की जांच के नाम पर सिर्फ औपचारिकता की पूर्ण की जाती है। लोनिवि खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता प्रदीप कुमार शरद के अनुसार पांच माह पूर्व लखनऊ की जांच टीम आई थी। पांच सड़कों की जांच की, लेकिन चेकिग में सबकुछ सही मिला। अब कार्यदायी संस्था ने सही में मानकपूर्ण सड़क बनाई थी या फिर जांच में सब सही मिलने का कोई और कारण हो यह तो वही जानते होंगे, लेकिन इसको लेकर तरह-तरह चर्चाएं होती रहती हैं। इतना ही नहीं जिले की टीम ने भी बीते दो माह पूर्व पांच सड़कों की जांच की। जांच टीम में सीडीओ व संबंधित तहसील के एसडीएम भी हैं। इसमें खामियां मिली तो जरूर लेकिन बारिश बाद शीघ्र मरम्मत कराने का निर्देश दिया गया।
टीएसी की जांच में मिली थी खामियां
जिले की गाजीपुर-चोचकपुर व पारा-कासिमाबाद मार्ग की 12 व 13 मार्च 2018 को हुई टीएसी की जांच में काफी खामियां मिली थीं। मुख्य अभियंता द्वारा खामियों को दुरुस्त करने का निर्देश जारी किया गया लेकिन कार्यदायी संस्था मेसर्स वीएसवाई इंटरनेशनल द्वारा इस आदेश को भी दरकिनार कर दिया गया। इस पर शासन द्वारा उक्त फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया।